Ajib Dastan Hai Yeh
Lata Mangeshkar
5:16ये दामन अब ना छूटेगा कभी चाहे खफा तुम हो ये दामन अब ना छूटेगा कभी चाहे खफा तुम हो कहाँ जाऊँ के मेरी ज़िंदगी का आसरा तुम हो ये दामन अब ना छूटेगा उसी ने दुख दिया जिसको पुकारा मेरी आहो ने उन्ही से जख्म पाए जिनको देखा इन निगाहों ने मसीहा मेरे अब इन सारे जख्मों की दवा तुम हो कहाँ जाऊँ के मेरी ज़िंदगी का आसरा तुम हो ये दामन अब ना छूटेगा मैं सर से पाँव तक अपने ही अश्को मे नहाई हूं लरजते काँपते दिल से तुम्हारे पास आई हूं छूपा लो अपनी बाहो मे मेरे गम आशना तुम हो कहाँ जाऊँ के मेरी ज़िंदगी का आसरा तुम हो ये दामन अब ना छूटेगा कभी चाहे खफा तुम हो कहाँ जाऊँ के मेरी ज़िंदगी का आसरा तुम हो ये दामन अब ना छूटेगा