Achyutam Keshavam
Saloni Thakkar
4:20शेंदुर लाल चढ़ायो अच्छा गजमुख को दोंदिल लाल बिराजे सुत गौरिहर को हाथ लिए गुड़-लड्डू साई सुरवर को महिमा कहे न जाए लागत हूँ पद को जय देव, जय देव (जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता) (धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मन रमता) (जय देव, जय देव) भाव-भक्ती से कोई शरणागत आवे संतती, संपती सबही भरपूर पावे ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे गोस्वामीवंदन निशिदिन गुण गावे जय देव, जय देव (जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता) (धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मन रमता) (जय देव, जय देव) घालीन लोटांगण, वंदीन चरण डोळ्यांनी पाहीन रूप तुझे प्रेमे आलिंगन, आनंदे पूजीन भावे ओवाळींन म्हणे नामा त्वमेव माता, पिता त्वमेव त्वमेव बंधुश्च, सखा त्वमेव त्वमेव विद्या, द्रविणम त्वमेव त्वमेव सर्वंमम देव-देव कायेनवाचा मनसेंद्रीयेरवा बुद्धयात्मनावा प्रकृती स्वभावा करोमियज्ञम सकलम परस्मइ नारायणायति समर्पयामि अच्युतम, केशवम, रामनारायणम कृष्णदामोदरम, वासुदेवम हरि श्रीधरम माधवंगोपिकावल्लभम जानकीनायकम रामचंद्रभजे हरे राम, हरे राम, राम-राम हरे-हरे हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण-कृष्ण हरे-हरे हरे राम, हरे राम, राम-राम हरे-हरे हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण-कृष्ण हरे-हरे हरे राम, हरे राम, राम-राम हरे-हरे हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण-कृष्ण हरे-हरे हरे राम, हरे राम, राम-राम हरे-हरे हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण-कृष्ण हरे-हरे हरे राम, हरे राम, राम-राम हरे-हरे हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण-कृष्ण हरे-हरे हरे राम, हरे राम, राम-राम हरे-हरे हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण-कृष्ण हरे-हरे हरे राम, हरे राम, राम-राम हरे-हरे हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण-कृष्ण हरे-हरे हरे राम, हरे राम, राम-राम हरे-हरे हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण-कृष्ण हरे-हरे