Rafta Rafta Voh Meri
Mehdi Hassan
3:45हमारी साँसों में आज तक वो हिना की खुशबू महक रही है हमारी साँसों में आज तक वो हिना की खुशबू महक रही है लबों पे नगमें मचल रहे हैं लबों पे नगमें मचल रहे हैं नज़र से मस्ती झलक रही है हमारी साँसों में आज तक वो हिना की खुशबू महक रही है कभी जो थे प्यार की जमानत वो हाथ है गैर की अमानत कभी जो थे प्यार की जमानत वो हाथ है गैर की अमानत जो कसमे खाते थे चाहतो की उन्ही की नियत बहेक रही है जो कसमे खाते थे चाहतो की उन्ही की नियत बहेक रही है हमारी सांसो मे आज तक वो हीना की खुश्बू महेक रही है किसी से कोई गीला नही है नसीब ही मे वफ़ा नही है किसी से कोई गीला नही है नसीब ही मे वफ़ा नही है जहा कही था हिना को खिलना हिना वही पे महेक रही है जहा कही था हिना को खिलना हिना वही पे महेक रही है हमारी सांसो मे आज तक वो हीना की खुश्बू महेक रही है वो जिनकी खातिर ग़ज़ल कही थी वो जिनकी खातिर लिखे थे नगमे वो जिनकी खातिर ग़ज़ल कही थी वो जिनकी खातिर लिखे थे नगमे उन्ही के आगे सवाल बनके ग़ज़ल की झांझर छनक रही है उन्ही के आगे सवाल बनके ग़ज़ल की झांझर छनक रही है हमारी सांसो मे आज तक वो हीना की खुश्बू महेक रही है