Rafta Rafta Woh Meri Hasti Ka Saman
Mehdi Hassan
3:40हमसे बदल गया वो, निगाहें तो क्या हुआ? ज़िदा हैं कितने लोग मुहाब्बत किए बेग़ैर? ज़िदा हैं कितने लोग मुहाब्बत किए बेग़ैर? गुज़रे दिनों में जो कभी गूँजे थे कहकहे गुज़रे दिनों में जो कभी गूँजे थे कहकहे अब अपने इख़्तियार में वो भी नहीं रहे क़िस्मत में रह गईं हैं, जो आहें तो क्या हुआ? सदमा ये झेलना है शिक़ायत किए बेग़ैर सदमा ये झेलना है शिक़ायत किए बेग़ैर वो सामने भी हों तो न खोलेंगे हम ज़ुबाँ वो सामने भी हों तो न खोलेंगे हम ज़ुबाँ लिखी है उसके चेहरे पे अपनी ही दास्ताँ उसको तरस गईं हैं, ये बाहें तो क्या हुआ? वो लौट जाए हम पे ये इनायत किए बेग़ैर वो लौट जाए हम पे ये इनायत किए बेग़ैर पहले क़रीब था कोई, अब दूरियाँ भी हैं पहले क़रीब था कोई, अब दूरियाँ भी हैं इन्साँ के नसीब में मजबूरियाँ भी हैं अपनी बदल चुका है, वो राहें तो क्या हुआ? हम चुप रहेंगे उस को मलामत किए बेग़ैर ज़िदा हैं कितने लोग मुहाब्बत किए बेग़ैर