Taarif Karoon Kya Uski
Mohammed Rafi
5:27दीवाना मुझसा नहीं इस अम्बर के नीचे दीवाना मुझसा नहीं इस अम्बर के नीचे आगे है क़ातिल मेरा और मैं पीछे पीछे दीवाना मुझसा नहीं इस अम्बर के नीचे आगे है क़ातिल मेरा और मैं पीछे पीछे पाया है दुश्मन को जबसे प्यार के क़ाबिल तबसे ये आलम है रस्ता याद न मंज़िल नींद में जैसे चलता है कोई, चलना यूँ ही आँखें मींचे दीवाना मुझसा नहीं इस अम्बर के नीचे आगे है क़ातिल मेरा और मैं पीछे पीछे हमने भी रख दी हैं कल पे कल की बातें हमने भी रख दी हैं कल पे कल की बातें जीवन का हासिल है पल दो पल की बातें दो ही घड़ी तो साथ रहेगा, करना क्या है तन्हाँ जी के दीवाना मुझसा नहीं इस अम्बर के नीचे आगे है क़ातिल मेरा और मैं पीछे पीछे दीवाना मुझसा नहीं इस अम्बर के नीचे ह्म ह्म