Yeh Ladki Nahin Hai

Yeh Ladki Nahin Hai

Mohd. Aziz | Alka Yagnik | Chorus

Альбом: Bade Ghar Ki Beti
Длительность: 10:21
Год: 1998
Скачать MP3

Текст песни

टंग टंग तिरा थ टंग टंग तिंग
टंग टंग तिरा थ टंग टंग तिंग
टंग टंग तिरा थ टंग टंग तिंग
टंग टंग तिरा थ टंग टंग तिंग

ये लड़की नहीं है, ये जादू बंगाल का
कड़की में तड़का पंजाब का
ये लड़की नहीं है, ये जादू बंगाल का
कड़की में तड़का पंजाब का
टंग टंग तिरा थ टंग टंग तिंग
टंग टंग तिरा थ टंग टंग तिंग
टंग टंग तिरा थ टंग टंग तिंग
टंग टंग तिरा थ टंग टंग तिंग

जादूगर तो है आशिक मेरा भोपाल का
लटके पे झटका शराब का

जादूगर तो है आशिक मेरा भोपाल का
लटके पे झटका शराब का

टंग टंग तिरा थ टंग टंग तिंग
टंग टंग तिरा थ टंग टंग तिंग
टंग टंग तिरा थ टंग टंग तिंग
टंग टंग तिरा थ टंग टंग तिंग

बल्ले बल्ले बल्ले, गोरे मुखड़े से चुनरी हटा दे
गोरे मुखड़े से चुनरी हटा दे
ये रूप मुझे पी लेने दे
ये रूप मुझे पी लेने दे
मेरा रूप है अभी कंवारा
ओ मेरा रूप है अभी कंवारा
कंवारी मुझे जी लेने दे
कंवारी मुझे जी लेने दे, ये रूप मुझे पी लेने दे
कंवारी अन्नू जी लेने दे

लोग कहें दे लड़की लड़की, लोग कहें दे लड़की लड़की, मेरी अंख सजना
लड़ेगी तेरे संग सजना, लड़ेगी तेरे संग
सजना गोरी तू तो रख बैसाखी
मना ले मेरे संग सजनी, मना ले मेरे संग सजनी
मना ले मेरे संग सजनी, मना ले मेरे संग सजना
मना ले मेरे संग सजनी मना ले मेरे संग सजना

अटरिया चढ़ गई, मुफ़्त हुई बदनाम
अटरिया चढ़ गई, मुफ़्त हुई बदनाम
अटरिया चढ़ गई, मुफ़्त हुई बदनाम
पाँच रुपैया माँगे सिपैया, आठ दस माँगे कोतवाल
पाँच रुपैया माँगे सिपैया, आठ दस माँगे कोतवाल
शर्म से मर गई, शर्म से मर गई, मुफ़्त हुई बदनाम
शर्म से मर गई, शर्म से मर गई, मुफ़्त हुई बदनाम
अटरिया चढ़ गई, मुफ़्त हुई बदनाम

पाँच रुपैया क्यों माँगे सिपैया, पाँच रुपैया क्यों माँगे सिपैया, आठ दस क्यों माँगे कोतवाल
तू है गोरी, तू तो है पूरी टकसाल
तू है गोरी, तू तो है पूरी टकसाल
नज़र में सबके चढ़ गई होने को बदनाम
अटरिया चढ़ गई, मुफ़्त हुई बदनाम

मैंने सावन में झूले गढ़ाए, दो पिया जिया बहलाए, दो पिया
मैंने सावन में झूले गढ़ाए, दो पिया जिया बहलाए, दो पिया
आई सावन की बहार, मेला लगे बाज़ार
आई सावन की बहार, मेला लगे बाज़ार
मैंने संग-संग मेला घुमाया, दो पिया जिया बहलाए, दो पिया
मैंने सावन में झूले गढ़ाए, दो पिया जिया बहलाए, दो पिया

रही सोने की झूलनीया, वामे हीरे की बिजूरिया
वामे मोतिया की लड़िया, गढ़वाई दो पिया  जिया बहलाए, दो पिया
मैंने सावन में झूले गढ़ाए, दो पिया जिया बहलाए, दो पिया

ताने जयपुर में घुमाऊँ, जोधपुर की सैर कराऊँ
ताने जयपुर में घुमाऊँ, जोधपुर की सैर कराऊँ

ताने दुनिया घुमा देगा, तेरा पिया गोरी, बहलाए दो पिया
ओ, मैंने सावन में झूले गढ़ाए, दो पिया जिया बहलाए, दो पिया

आ अगर खुदा जो मिले, उससे पूछूँ यही
तूने दिल क्यों बनाया था संसार में
अगर बनाया भी था, तो तू इतना बता
क्यों इसे कस दिया दर्द के तार में
अगर खुदा जो मिले, उससे पूछूँ यही
तूने दिल क्यों बनाया था संसार में

मुझको जाना न समझा किसी ने कभी
लोग पत्थर समझते रहे उम्र भर
एक पत्थर, पानी का झरना भी है
दिल जलता रहा जो उम्र भर
ये झरना नदीया बनेगा कभी
ये झरना नदीया बनेगा कभी
फिर मिलेगा समुंदर से एक दिन
हम चले जा रहे हैं पागलों की तरह
माँ की ममता मिलेगी ज़रूर एक दिन
माँ की ममता मिलेगी ज़रूर एक दिन