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Mohd Rafi - Mast Baharon Ka Main Aashiq Revival | Скачать MP3 бесплатно
Mast Baharon Ka Main Aashiq Revival

Mast Baharon Ka Main Aashiq Revival

Mohd Rafi

Альбом: Farz
Длительность: 6:24
Год: 1967
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Текст песни

ऊ ऊ
ऊ ऊ
ऊ ऊ

मस्त बहारों का मैं आशिक़
मैं जो चाहे यार करूँ
चाहे गुलों के साए से खेलूँ
चाहे कली से प्यार करूँ
सारा जहाँ है मेरे लिए
मेरे लिए

ऊ ऊ

मस्त बहारों का मैं आशिक़
मैं जो चाहे यार करूँ
चाहे गुलों के साए से खेलूँ
चाहे कली से प्यार करूँ
सारा जहाँ है मेरे लिए
मेरे लिए

मैं हूँ वो दीवाना जिसके सब दीवाने हाँ
मैं हूँ वो दीवाना जिसके सब दीवाने हाँ
किसको है ज़रूरत तेरी ऐ ज़माने हाँ
मेरा अपना रास्ता
दुनिया से क्या वास्ता
मेरे दिल में तमन्नाओं की
दुनिया जवां है मेरे लिए
मेरे लिए

ऊ ऊ

मस्त बहारों का मैं आशिक़
मैं जो चाहे यार करूँ
चाहे गुलों के साए से खेलूँ
चाहे कली से प्यार करूँ
सारा जहाँ है मेरे लिए
मेरे लिए

मेरी आँखों से ज़रा आँखें तो मिला दे हाँ
मेरी आँखों से ज़रा आँखें तो मिला दे हाँ
मेरी राहें रोक ले नज़रें तू बिछा दे हाँ
तेरे सर की है कसम
मैं जो चला गया सनम
तो ये रुत भी चली जाएगी
ये तो यहाँ है मेरे लिए
मेरे लिए

ऊ ऊ

मस्त बहारों का मैं आशिक़
मैं जो चाहे यार करूँ
चाहे गुलों के साए से खेलूँ
चाहे कली से प्यार करूँ
सारा जहाँ है मेरे लिए
मेरे लिए

सब्ब को यह बता दो
कह दो हर्र नज़र से हा
सब्ब को यह बता दो
कह दो हर्र नज़र से हा
कोई भी मेरे सिवा
गुज़रे न इधेर से हा
बतला दो इस जहाँ को
समझा दो खिज़ा को
आये जाए यहाँ न कोई
यह गुलसितां है
मेरे लिए मेरे लिए

ऊ ऊ

मस्त बहारों का मैं आशिक
में जो चाहे यार करु
चाहे गुल्लू के साये से खेलूँ
चाहे कल्ली से प्यार करु
सारा जहाँ है मेरे लिए मेरे लिए
मेरे लिए मेरे लिए
मेरे लिए मेरे लिए
मेरे लिए मेरे लिए