Taarif Karoon Kya Uski
Mohammed Rafi
5:27ये किस की आँखों का नूर हो तुम ये किस के दिल का क़रार हो तुम ये किस के दिल का क़रार हो तुम ये किस की आँखों का नूर हो तुम ये किस की आँखों का नूर हो तुम ये किस के दिल का क़रार हो तुम ये किस के दिल का क़रार हो तुम ये किस की आँखों का नूर हो तुम मुझे ये मालूम हो रहा हैं मुझे ये मालूम हो रहा हैं के जेसे मेरा ही प्यार हो तुम के जेसे मेरा ही प्यार हो तुम ये किस की आँखों का नूर हो तुम संभलो ज़ुल्फ़ों की ये घटाएँ कहीं मुसाफिर भटक ना जाएँ संभलो ज़ुल्फ़ों की ये घटाएँ कहीं मुसाफिर भटक ना जाएँ बेहक ना जाए कहीं ज़माना बेहक ना जाए कहीं ज़माना के इक नशीली बहार हो तुम के इक नशीली बहार हो तुम ये किस की आँखों का नूर हो तुम कभी झुकी तुम निगाह बन कर कभी उठी दिल से आह बन कर आहा बन कर खटक रही हो कभी जिगर में खटक रही हो कभी जिगर में कभी कलेजे के पार हो तुम कभी कलेजे के पार हो तुम ये किस की आँखों का नूर हो तुम गरज़ क़यामत से कम नहीं हो कोई भी हो तुम, बहोत हसीं हो बहोत हसीं हो तुम्हें हमारा सलाम पहोंचे तुम्हें हमारा सलाम पहोंचे के हुस्न का शाहकार हो तुम के हुस्न का शाहकार हो तुम ये किस की आँखों का नूर हो तुम मुझे ये मालूम हो रहा हैं मुझे ये मालूम हो रहा हैं के जैसा मेरा ही प्यार हो तुम के जैसा मेरा ही प्यार हो तुम ये किस की आँखों का नूर हो तुम