Do Roz Men Woh Pyar Ka Alam

Do Roz Men Woh Pyar Ka Alam

Mukesh

Альбом: Pyar Ki Rahen
Длительность: 3:20
Год: 1959
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Текст песни

दो रोज़ में वो प्यार का आलम गुजर गया
दो रोज़ में वो प्यार का आलम गुजर गया
बरबाद करने आया था बरबाद कर गया
दो रोज़ में

बस इतनी सी है दास्तां बचपन के प्यार की
बस इतनी सी है दास्तां बचपन के प्यार की
दो फूल खिलते खिलते ही गुलशन उजड़ गया
गुलशन उजड़ गया
दो रोज़ में वो प्यार का आलम गुजर गया
बरबाद करने आया था बरबाद कर गया
दो रोज़ में

लेके सहारा याद का कब तक कोई जिये
लेके सहारा याद का कब तक कोई जिये
ऐ मौत आ के ज़िन्दगी से दिल ही भर गया
दिल ही भर गया
दो रोज़ में वो प्यार का आलम गुजर गया
बरबाद करने आया था बरबाद कर गया
दो रोज़ में