Notice: file_put_contents(): Write of 678 bytes failed with errno=28 No space left on device in /www/wwwroot/muzbon.net/system/url_helper.php on line 265
Mukesh - Taron Men Sajke Apne Suraj Se | Скачать MP3 бесплатно
Taron Men Sajke Apne Suraj Se

Taron Men Sajke Apne Suraj Se

Mukesh

Длительность: 6:00
Год: 1970
Скачать MP3

Текст песни

हम्म्म हम्म तारों में सजके अपने सूरज से
देखो धरती चली मिलने
तारों में सजके अपने सूरज से
देखो धरती चली मिलने
झनकी पायल मच गई हलचल
अम्बर सारा लगा हिलने
तारों में सजके अपने सूरज से
देखो धरती चली मिलने

आ आ आ आ आ आ

आ आ आ आ आ आ

है घटाओं का दो नैन में काजल
धूप का मुख पे डाले सुनहरा सा आँचल

है घटाओं का दो नैन में काजल (ओ )
धूप का मुख पे डाले सुनहरा सा आँचल (ओ )

हो यूं लहराई ली अंगड़ाई
लगी जैसे धनक खिलने (आ आ आ आ आ )
तारों में सजके अपने सूरज से
देखो धरती चली मिलने

आग सी लपके जलती हुई राहें
जी को बहलाएं बेचैन तूफ़ां की आंहें

आग सी लपके जलती हुई राहें (हो हो हो हो हो हो )
जी को बहलाएं बेचैन तूफ़ां की आंहें (हो हो हो हो हो हो )

हो ना डरेगी ना रुकेगी
देखें क्या हो कहा दिल ने (आ आ आ आ आ )
तारों में सजके अपने सूरज से
देखो धरती चली मिलने
देखो धरती चली मिलने
देखो धरती चली मिलने