Kisi Meharban Ne Aake

Kisi Meharban Ne Aake

Nahid Akhtar

Длительность: 5:05
Год: 1976
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Текст песни

किसी मेहबान ने आके
मेरी ज़िन्दगी सजादि
किसी मेहबान ने आके
मेरी ज़िन्दगी सजादि
मेरे दिल की धड़कनों में
मेरे दिल की धड़कनों
में नै आरज़ू जगा दी
किसी मेहबान ने आके
मेरी ज़िन्दगी सजादि
मेरे दिल की धड़कनों में
मेरे दिल की धड़कनों
में नै आरज़ू जगा दी
किसी मेहबान ने आके
मेरी ज़िन्दगी सजादि

मेरी चाहते का अब तक
न असर हुआ किसी पैर
मेरी चाहते का अब तक
न असर हुआ किसी पैर
उन्हें कुछ खबर नहीं है
उन्हें कुछ खबर नहीं है
जहा जिंदगी मिटा दे
किसी मेहबान ने आके
मेरी ज़िन्दगी सजादि

तन्हाईया की हरदम
आग़ोश का ये मंज़र
ठहरा हुआ था मेरी
बेताबी का समंदर
बेताबी का समंदर
मोझो को ाके छेड़ा
हलचल कोई मचड़ी
मेरे दिल की धड़कनों में
मेरे दिल की धड़कनों में नै
आरज़ू जगदी
किसी मेहबान ने आके
मेरी ज़िन्दगी सजादि
मेरी ज़िन्दगी सजादि