Title
Naseeruddin Shah
इस भ्रमांड का एक अंश हैं ये संसार ये धरती ये धरा ये पृथ्वी इसमे जीवन दाता पालन करता और संघार कर्ता को भगवान ईश्वर परमात्मा या विश्वात्मा कहते हैं पर हमारी ये कहानी उस ईश्वर या भगवान की नही इस विश्व मे आई उन आत्माओ की हैं जो परमात्मा का एक अंश हैं और वो अंश जीवात्मा का रूप लेकर धरती पर आता हैं तो मनुष्य कहलाता हैं जो मनुष्य अपने जीवन के उद्देश्य को अपने लक्ष्य को नही जानता और उस तक नही पहुच पाता वो साधारण इंसान बन कर रह जाता हैं लेकिन जिस इंसान को अपने लक्ष्य और उद्देश्य का ज्ञान हो जाता हैं और उसे पाने के लिए वो अपने जीवन और मृत्यु को कोई महत्तव नही देता वो आत्मा एक साधारण मनुष्य से उँचा उठ कर बन जाती हैं विश्वात्मा विश्वात्मा विश्वात्मा जिस इंसान को अपने लक्ष्य और उद्देश्य का ज्ञान हो जाता हैं ज्ञान हो जाता हैं, ज्ञान हो जाता हैं और उसे पाने के लिए वो अपने जीवन और मृत्यु को कोई महत्तव नही देता कोई महत्तव नही देता, कोई महत्तव नही देता वो आत्मा एक साधारण मनुष्य से उँचा उठ कर बन जाती हैं विश्वात्मा विश्वात्मा विश्वात्मा अ अ अ अ अ अ अ विश्वात्मा विश्वात्मा विश्वात्मा विश्वात्मा (अ अ अ अ अ अ अ ) विश्वात्मा विश्वात्मा विश्वात्मा विश्वात्मा (अ अ अ अ अ अ अ )