Aji Rooth Kar Ab Kahan Jaiyega
Neelam Dixit
5:16बड़ी सूनी सूनी है ज़िंदगी ये ज़िंदगी बड़ी सूनी सूनी है ज़िंदगी ये ज़िंदगी मैं खुद से हूँ यहाँ अजनबी अजनबी बड़ी सूनी सूनी है कभी एक पल भी कहीं ये उदासी दिल मेरा भूले कभी मुस्कुराकर दबे पाँव आकर दुख मुझे छूले न कर मुझसे ग़म मेरे दिल्लगी ये दिल्लगी बड़ी सूनी सूनी है कभी मैं न सोया कहीं मुझसे खोया सुख मेरा ऐसे पता नाम लिखकर कहीं यूँही रखकर भूले कोई कैसे अजब दुख भरी है ये बेबसी ये बेबसी बड़ी सूनी सूनी है ज़िंदगी ये ज़िंदगी बड़ी सूनी सूनी है