Shades Of Grey
Nikhil D'Souza
4:52हो हो हो हो हो हो बचपन बेपरवाह गलियों में खिला हद अनहद जहाँ मासूम कारवाँ वो रहते उँचुए गर बदले ना उन्हे हम कहके ज़िंदगी जो नहीं सही हम एक से हैं फिर क्यूँ यह फ़ासले हैं रंग अलग हो, तो क्या साँसों में तो है इक हवा हम एक से हैं (हम एक से हैं) फिर क्यूँ यह फ़ासले हैं (फिर क्यूँ यह फ़ासले हैं) क्यूँ ना जाने हम यह की थोड़े से प्यार की है बस कमी परिंदे ख्वाबों के थामे हाथ, उड़े नाचे सारी रात खुशी लेके साथ इक दिन वो देख ले खफा से ख्वाब हुए वो कहेंगे यही ज़िंदगी जो नहीं सही हम एक से हैं (हम एक से हैं) फिर क्यूँ यह फ़ासले हैं (फिर क्यूँ यह फ़ासले हैं) रंग अलग हो, तो क्या साँसों में तो है इक हवा हम एक से हैं (हम एक से हैं) फिर क्यूँ यह फ़ासले हैं (फिर क्यूँ यह फ़ासले हैं) क्यूँ ना जाने हम यह की थोड़े से प्यार की है बस कमी हम दे गर तोड़ा प्यार मिलेगा बेशुमार भूले से ना भूलें हम एक दिल हैं हो हो हो हो हो हो हम एक से हैं (हम एक से हैं) फिर क्यूँ यह फ़ासले हैं (फिर क्यूँ यह फ़ासले हैं) रंग अलग हो, तो क्या साँसों में तो है इक हवा हम एक से हैं (हम एक से हैं) फिर क्यूँ यह फ़ासले हैं (फिर क्यूँ यह फ़ासले हैं) क्यूँ ना जाने हम यह की थोड़े से प्यार की है बस कमी