Samay Bada Balwan Hai
Nitin Mukesh
7:20भूल हुई हमसे अतिभारी, आदिशक्ति अब क्षमा करो पाही-पाही प्रभु चरण आपकी, अब निज जन पर कृपा करो अलख निरंजन, सब दुख भंजन, हर-हर शंकर दया करो दुखियों के दुख दूर करो, भक्तों की इच्छा पूर्ण करो शांत हो गए दया के सागर, लक्ष्मीपति बाहर आए निज पीतांबर पहनाया और हाथ जोड़ स्तुति गाए हाथ जोड़ स्तुति गाए (हर-हर शंभु, जय भोलेनाथ) (जय कैलाशपति, हर-हर महादेव) (हर-हर-हर) मम इष्ट देव महेश देवन, देव तुम सर्वस्य हो मुनि, ज्ञानी जन को प्रत्यक्ष हो, अज्ञानियों को अदृश्य हो भ्रम हुए जो भक्तजन उन्हें ज्ञान दीपक दीजिए सत्यम, शिवम, सुंदर, दयालु, शरण में अपनी लीजिए दोष मेरा था, नाथ आपने माया को क्यों भस्म किया? अब संसार चलेगा कैसे? प्राणी मात्र जब ब्रह्म किया कमला बोली, "प्रभु माया बिन सृष्टि का पालन नहीं होगा (सृष्टि का पालन नहीं होगा) लौटा दो माया, कृपा करो, मेेरा सम्मान तभी होगा" (मेेरा सम्मान तभी होगा) विनती श्री और श्रीपति की सुन प्रसन्न हुए औढ़रदानी प्रभु भक्तों में ना ये व्यापे कि नहीं करेगी मनमानी कामदेव की तरह आज से माया नज़र ना आएगी जैसी हरि की आज्ञा हो वैसे संसार चलाएगी इतना सुनकर उच्च ध्वनि में सब मिल जय हर-हर बोले विश्व के स्वामी जय कैलाशी, जगत दयालु बम भोले (जय बम भोले, जय बम भोले) प्रेम मगन हरिहर मिले, शोभावरनी ना जान पार्वती और लक्ष्मी देख-देख हर्षाएँ गगन सुमन वर्षा हुई, शांत हुआ सब शोर खग, मृग और जल-जीव सभी सुखी हुए चहुँ ओर लक्ष्मी बोलेगी अब जो ये प्रसंग नित गाए मम निवास तेही घर रहे, सकल कष्ट मिट जाए (जय-जय हरिहर, जय-जय हरिहर) नारद, ब्रह्मा, देव, सब कर रहे जय-जय कार जय हरिहर, जय हर हरि, गूँज उठी जयकार स्तुति बारंबार करी श्री, श्रीपति दो साथ हर्षी चले निज धाम को, कही जय भोलेनाथ कही जय भोलेनाथ, कही जय भोलेनाथ नियमित प्रातः यह कथा पढ़े, सुने, मन लाए नित रक्षा हरिहर करें, माया नहीं सताए धनी राम के धन्य प्रभु, देवनदेव महेश सहज कृपालु, परम दयालु, काँटें सकल कलेश ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय