Samay Bada Balwan Hai
Nitin Mukesh
7:20माया का करतब देख हर की क्रोध से भृकुटी तनी चूर कर दूँ अहम इसका, आज ये मन में ठनी भक्तों को मेरे कर के विचलित इसतरह इठला रही शांति इस थल में अशांति कर के मृत्यु बुला रही किया नृत्य तांडव जब शिव ने दसों दिशाएँ थर्राईं धरा-गगन जब डोल उठे तो फिर माया जी घबराईं खुला प्रलय का नेत्र तीसरा... खुला प्रलय का नेत्र तीसरा विश्व में हाहाकार हुआ (त्राहिमाम, त्राहिमाम, रक्षा करो प्रभु, रक्षा करो, बचाओ, रक्षा करो प्रभु, बचाओ, रक्षा करो, रक्षा करो, बचाओ) माया भस्म हुई तब ऐसे कामदेव जो भस्म हुआ सुर, नर, मुनी सारे काँप उठे, नारद ब्रह्मा भी घबराए जय-जय कह हरिहर में मिल गए और हरिहर कहलाए नृत्य में कभी हरि दिखते थे और कभी हर बम-भोले देेखी विचित्र लीला सबने तो सब देवों के चित्त डोले भई, सुनो-सुनो सुनो-सुनो, शिव-शक्ति व्रत की पावन पर्व कहानी है सुर, नर, मुनी, ब्रह्मा, विष्णु ने महिमा हर की बखानी है ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय लीन हुए लक्ष्मीपति शिव में तब लक्ष्मी जी घबराई व्याकुल होकर दो कर जोरी पार्वती के निटक आई बोली, "बहन क्षमा करो दो और मुझपर इतनी कृपा करो मेरे पति मुझको मिल जाएँ ये अपने पति ये विनय करो, अपने पति ये विनय करो अंजान थी मैं शिव-शक्ति से जो अबतक नहीं समझ पाई मेरे पति जिनको भजते थे वो मेरी समझ में अब आई" माँ कहा अवतार राम से मैंने इनको पहचाना दोनों ही हैं ये एक रूप, मायावश जग ने नहीं जाना हर का द्रोही और हरि भगत ये हरिहर को स्वीकार नहीं अभिमानी का भवसागर से होता कभी उद्धार नहीं आओ दयालु विश्वनाथ का सब मिलकर गुणगान करें वो अभिप्रसन्न हो जाएँगी और सारे संकट आन हरे सुनो-सुनो, सुनो-सुनो, शिव-शक्ति व्रत की पावन पर्व कहानी है सुर, नर, मुनी, ब्रह्मा, विष्णु ने महिमा हर की बखानी है ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय