Gal-Bhujang Bhasm Ang Shankar Anuragi; Shiv Bhajan (Raga Desh)
Pandit Chhannulal Mishra
3:21भजो रे भैया राम गोविंद हरी, भजो रे भैया राम गोविंद हरी भजो रे भैया साधन कुछ नहीं लागय न जप तप साधन कुछ नहीं लागय न जप तप खरचत ना गठरी भजो रे भैया खरचत ना गठरी भजो रे भैया राम गोविंद हरी, भजो रे भैया राम गोविंद हरी संतत संपत सुख के कारन, संतत संपत संतत संपत सुख के कारन इनसों भूल परी भजो रे इनसों भूल परी भजो रे भैया राम गोविंद हरी, भजो रे भैया राम गोविंद हरी भजो रे भैया राम गोविंद हरी कहत कबीरा राम न जा मुख कहत कबीरा राम न जा मुख ता मुख धूल भरी भजो रे, ता मुख धूल भरी भजो रे भैया राम गोविंद हरी, भजो रे भैया राम गोविंद हरी कहत कबीरा राम न जा मुख कहत कबीरा राम न जा मुख ता मुख धूल भरी भजो रे भैया, ता मुख धूल भरी भजो रे भैया राम गोविंद हरी, भजो रे भैया राम गोविंद हरी भजो रे भैया राम गोविंद हरी, भजो रे भैया राम गोविंद हरी भजो रे भैया राम गोविंद हरी, राम गोविंद हरी, राम गोविंद हरी, हरी