Ahista
Pankaj Udhas
7:15रिश्ते टूटे बाँधों टूटे सजने वेल दर्पण टूटे रिश्ते टूटे बाँधों टूटे सजने वेल दर्पण टूटे सब कुच्छ तोड़ के बेशक जाना लेकिन पहले यह तो बताना जो पल बीते साथ तुम्हारे उनसे पिच्छा कैसे च्छुटे रिश्ते टूटे बाँधों टूटे सजने वेल दर्पण टूटे सब कुच्छ तोड़ के बेशक जाना लेकिन पहले यह तो बताना जो पल बीते साथ तुम्हारे उनसे पिच्छा कैसे च्छुटे रिश्ते टूटे बाँधों टूटे सजने वेल दर्पण टूटे हेस्ट हुए रहते थे हम रोते हुए जीने लगे खुशिया हुई मॅन से बीड़ा घाम मे तेरे पीने लगे लोग करेंगे क्या क्या बाते याद हैं सावन की बरसते जो पल भीगे साथ तुम्हारे उनसे पिच्छा कैसे च्छुटे रिश्ते टूटे बाँधों टूटे सजने वेल दर्पण टूटे कहती हैं शाम यह क्या हुवा नगमा कोई गाते नही गुलशन ने भी पुछा मुझसे एब्ब तुम दोनो आते नही मुश्किल हैं कितना यह समझना टूटे दिल का दर्द छुपाना जो पल महके साथ तुम्हारे उनकी खुश्बू कैसे च्छुटे रिश्ते टूटे बाँधों टूटे सजने वेल दर्पण टूटे सब कुच्छ तोड़ के बेशक जाना लेकिन पहले यह तो बताना जो पल बीते साथ तुम्हारे उनसे पिच्छा कैसे च्छुटे रिश्ते टूटे बाँधों टूटे सजने वेल दर्पण टूटे