Man Phula Phula Phire Jagat Mein

Man Phula Phula Phire Jagat Mein

Pathi Ratan Singh Ji

Длительность: 4:29
Год: 2002
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Текст песни

मन फूला फूला फिरे, जगत में कैसा नाता रे
मन फूला फूला
मन फूला फूला फिरे, जगत में कैसा नाता रे
माता कहे यह पुत्र हमारा, बहन कहे बीर मेरा
माता कहे यह पुत्र हमारा, बहन कहे बीर मेरा
भाई कहे यह भुजा हमारी, नारी कहे नर मेरा
मन फूला फूला
मन फूला फूला फिरे, जगत में कैसा नाता रे
पेट पकड़ के माता रोवे, बांह पकड़ के भाई
पेट पकड़ के माता रोवे, बांह पकड़ के भाई
लपट झपट के तिरिया रोवे, हंस अकेला जाए
मन फूला फूला
मन फूला फूला फिरे, जगत में कैसा नाता रे
जब लग जीवे माता रोवे, बहन रोवे दस मासा
जब लग जीवे माता रोवे, बहन रोवे दस मासा
तेरह दिन तक तिरिया रोवे, फेर करे घर वासा
मन फूला फूला
मन फूला फूला फिरे, जगत में कैसा नाता रे
चार जणा मिल गजी बनाई, चढ़ा काठ की घोड़ी
चार जणा मिल गजी बनाई, चढ़ा काठ की घोड़ी
चार कोने आग लगाई, फूंक दियो जस होरी
मन फूला फूला
मन फूला फूला फिरे, जगत में कैसा नाता रे
हाड़ जले जस लाकड़ी रे, केश जले जस घास
हाड़ जले जस लाकड़ी रे, केश जले जस घास
सोना जैसी काया जल गई,कोइ न आयो पास
मन फूला फूला
मन फूला फूला फिरे, जगत में कैसा नाता रे
मन फूला फूला
घर की तिरिया ढूंढन लागी, ढुंडी फिरि चहु देशा
घर की तिरिया ढूंढन लागी, ढुंडी फिरि चहु देशा
कहत कबीर सुनो भई साधो, छोड़ो जगत की आशा
मन फूला फूला
मन फूला फूला फिरे, जगत में कैसा नाता रे
मन फूला फूला
मन फूला फूला फिरे, जगत में कैसा नाता रे