Jhulaniya Jhulela
Pramod Premi Yadav, Karishma Kakkar
3:13ए हर टाइम जब मैं एक ही चेहरा देखा क्या हो रहा है? क्या चाहिए? हरा के फूल के पाने ना तो हरा लिखे बुजारे पेप्सी चाहे ना कोको कला चाहे वो ना तो काम यही खोलकर बताई दे एक तो गोरा मियां से बानी परेशान दूसरे मेने खड़ा तू कर लुए जान ऐसे केकर मेहर करली बता बता हमके चाहे एक तो गोरा मियां से बानी परेशान दूसरे में ना खड़ा तू कर लुए जान ए जाइज हाय सुनि तो तू के गोरा मियां बहुत आलोक बात बहत आयल बात तो घोर के पिया एंड बालम सोतूए हो शराबा तो घोर के पिया श्याम बालम है सतुआ की शर्मा का गोरक्ष पिया का बाल मुआ धरा ले के आइल बानी धानिया होबारा धानिया होबारा, धानिया होबारा देहिया पो अपने निगरानी तारा सूनी पिया हमारा के कहे भुला दे लो जाके पूछ ना बाजरिया से ला दे लो तोहरे धरावा सब बरुए दन हो बरुए जा तो घर के प्यारे बला मुआ सतुआ के हो शराबा घर के पिया बाला मुआ सखुआ के सुर भोतर घर का प्योयां बालम आ काहे ऐसा जनिया तू खाद बाड़ चौहान खाक बड़ु चावला खाक बड़ु चावला तू ही एगो बड़ू हमरा दिलवा के सोना सुनो परोरोज पिया करे ला बहाना पूछ मांगे ले तो कोई दे लगाना रोज के डरावा तोहर बानी हर सोहद हो बानी हो सहत घोरी के पिया बला मुआ था सोता है हर शराब का घर के पिया बालम का सतुआ का हिस्सा रहा तो घर के प्योएया बाल मुआ