Unity (Acoustic)
Sapphire
3:01ज़िंदगी का सफ़र, है ये कैसा सफ़र? कोई समझा नहीं, कोई जाना नहीं ज़िंदगी का सफ़र, है ये कैसा सफ़र? कोई समझा नहीं, कोई जाना नहीं है ये कैसी डगर? चलते हैं सब मगर कोई समझा नहीं, कोई जाना नहीं ज़िंदगी को बहुत प्यार हम ने दिया मौत से भी मोहब्बत निभाएँगे हम रोते-रोते ज़माने में आए, मगर हँसते-हँसते ज़माने से जाएँगे हम जाएँगे पर किधर, है किसे ये ख़बर? कोई समझा नहीं, कोई जाना नहीं ऐसे जीवन भी हैं जो जिये ही नहीं जिनको जीने से पहले ही मौत आ गयी फूल ऐसे भी हैं जो खिले ही नहीं जिनको खिलने से पहले फ़िज़ा खा गई है परेशां नज़र थक गये चाराग़र कोई समझा नहीं कोई जाना नहीं ज़िन्दगी का सफ़र है ये कैसा सफ़र कोई समझा नहीं कोई जाना नहीं