Yeh Pal

Yeh Pal

Prateek Kuhad

Альбом: Raat Raazi
Длительность: 4:08
Год: 2013
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Текст песни

लबों पे जो भी हो
कह भी दो ठहरा हूँ मैं
ये दिल की बात को रोको न ठहरा हूँ मैं
नशीली रात है तारे भी साथ है
गुनगुनाते हम चले शहरों की गलियों से
जाने क्यूँ ये पल पिगल गया फ़िसल गया
जाने क्यूँ ये पल पिगल गया पिगल गया
ये कोई न कहे सुने भी कोई न ये
इरादे वो ही है बदल गई मंज़िल
ये कैसा खेल है क्यूँ इधर हम फस गए
ये वादों का है क्या आज है कल नहीं
जाने क्यूँ ये पल पिगल गया फ़िसल गया
जाने क्यूँ ये पल पिगल गया पिगल गया

तू भी है मैं भी हूँ
प्यार भी है यहाँ
नज़र में तू आ गई
नज़र में मैं आ गया
है रास्ते जुदा तो क्या हुआ राज़ी हूँ मैं
जज़्बातों का है क्या आज है कल नहीं
लबों पे जो भी हो
कह भी दो ठहरा हूँ मैं
ये दिल की बातो को रोको न ठहरा हूँ मैं
जाने क्यूँ ये पल पिगल गया फ़िसल गया
जाने क्यूँ ये पल पिगल गया पिगल गया
पिगल गया पिगल गया
पिगल गया पिगल गया