Tripura Sundari Stotram
Prem Prakash Dubey
4:30गणपति गुरू गौरी पद प्रेम सहित धरि माथ चालीसा वन्दन करौं श्री शिव भैरवनाथ श्री भैरव संकट हरण मंगल करण कृपाल श्याम वरण विकराल वपु लोचन लाल विशाल जय जय श्री काली के लाला जयती जयती काशी कुतवाला जयती बटुक भैरव भय हारी जयती काल भैरव बलकारी जयती नाथ भैरव चिख्याता जयती सर्व भैरव सुखदाता भैरव रूप कियो शिव धारण भव के भार उतारण कारण भैरवं रव सुनि है भय दूरी सब विधि होय कामना पूरी शेष महेश आदि गुण गायो काशी के कोतवाल कहलायो जटा जूट शिव चन्द्र विराजत बाला मुकुट बिजायठ साजत कटि करधनी घुंघरू बाजत दर्शन करत सकल भय भाजत जीवन दान दास को दीन्हयो कृपा नाथ तब चीन्ह्यो वसि रसना बनि सारद काली दीन्ह्यो वर राख्यो मम लाली धन्य धन्य भैरव भय भंजन जय मनरंजन खल दल भंजन कर त्रिशूल डमरू शुचि कोड़ा कृपा कटाक्ष सुयश नहिं थोड़ा जो भैरव निर्भय गुण गावत अष्टसिद्धि नवनिधि फल पावत रूप विशाल कठिन दुःख मोचन क्रोध कराल लाल दुहुं लोचन अगणित भूत प्र प्रेत संग डोलत बं बं बं शिव बं बं बोलत रूद्रकाय काली के लाल महा कालहू के हो कालाः बटुक नाथ हो काल गंभीरा श्वेत रक्त अरु श्याम शरीरा करत तीनहुं रूप प्रकाशा भरत सुभक्तन कहं शुभ आशा रत्न जड़ित कंचन सिंहसान व्याघ्र चर्म शुचि नर्म सुआसन तुमहि जाइ काशिहिं जन ध्यावहिं विश्वनाथ कहं दर्शन पावहिं जय प्रभु संहारक सुनन्द जय जय उन्नत हर उमानन्द जय भीम त्रिलोचन स्वान साथ जय बैजनाथ श्री जगतनाथ जय महाभीम भीषण शरीर जय रुद्र त्र्यत्वक धीर वीर जय अश्वनाथ जय प्रेतनाथ जय रूवानारूढ़ सयचन्द्र नाथ जय निमिष दिगम्बर चक्रनाथ जय गहत अनाथन नाथ हाथ जय त्रेशलेश भूतेश चन्द्र जय क्रोध वत्स अमरेश नन्द जय श्री वामन नकुलेश चण्ड जय कृत्याऊ कीरति प्रचण्ड जय रुद्र बटुक क्रोधेश कालधर चक्र तुण्ड दश पाणिव्यालधर करि मद पान शम्भु गुण गावत चौंसठ योगिन संग नचावच करत कृपा जन पर बहु ढंगा काशी कोतवाल अड़बंगा देय काल भैरव जब सोटा नसै पाप मोटा से मोटा जनकर निर्मल होय शरीरा मिटै सकल संकट भव पीरा श्री भैरव भूतों के राजा बाधा हरत करत शुभ काजा ऐलादी के दुःख निवार्यो सदा कृपा करि काज सम्हार्यो सुन्दरदास सहित अनुरागा श्री दुर्वासा निकट प्रयागा श्री भैरव जी की जय लेख्यो सकल कामना पूरण देख्यो जय जय जय भैरव बटुक स्वामी संकट टार कृपा दास पर कीजिए शंकर के अवतार जो यह चालीसा पढ़े प्रेम सहित सत बार उस घर सर्वानन्द हो वैभव बढ़े अपार