Chor Bazaari
Pritam
4:18आ आ आ आ आ जी वे सोहनेया जी चाहे किसी का होकर जी जी वे सोहनेया जी चाहे किसी का होकर जी जी वे सोहनेया जी चाहे किसी का होकर जी जी वे सोहनेया जी चाहे किसी का होकर जी माना की तू अब नहीं मेरा माना की तू अब नहीं मेरा कभी था मेरा भी जी वे सोहनेया जी चाहे किसी का होकर जी जी वे सोहनेया जी चाहे किसी का होकर जी हसती बस्ती रहे वो राहें जिनपे चलता तू मेरी भी गलियों में आता जाता कल था तू आ आ आ आ हसती बस्ती रहे वो राहें जिनपे चलता तू मेरी भी गलियों में आता जाता कल था तू आज भी मुझको याद है आहट आज भी मुझको याद है आहट तेरे क़दमों की जी वे सोहनेया जी चाहे किसी का होकर जी जी वे सोहनेया जी चाहे किसी का होकर जी कभी खबर संदेसा दे दे क्या है तेरा हाल रुत परदेसी रखती होगी शायद तेरा ख्याल सा रे ग पा द सा सा ध प ग रे ध रे सा ध रे सा कभी खबर संदेसा दे दे क्या है तेरा हाल रुत परदेसी रखती होगी शायद तेरा ख्याल यहाँ तेरे बिन पतझड़ सा है यहाँ तेरे बिन पतझड़ सा है हर एक मौसम ही जी वे सोहनेया जी चाहे किसी का होकर जी जी वे सोहनेया जी चाहे किसी का होकर जी माना की तू अब नहीं मेरा माना की तू अब नहीं मेरा कभी था मेरा भी जी वे सोहनेया जी चाहे किसी का होकर जी जी वे सोहनेया जी चाहे किसी का होकर जी चाहे किसी का होकर जी चाहे किसी का होकर जी चाहे किसी का होकर जी तू चाहे किसी का होकर जी