Jiski Lagi Re Lagan Bhagwan Me
Pujya Prembhushanji Maharaj
5:27राम नाम के साबुन से जो मन का मैल छुड़ाए गा निर्मल मन के दर्पण में वह राम का दर्शन पाएगा राम नाम के साबुन से जो मन का मैल छुड़ाए गा निर्मल मन के दर्पण में वह राम का दर्शन पाएगा नर शरीर अनमोल रे प्राणी प्रभु कृपा से पाया है झूठे जग प्रपंच में पड़ कर क्यों प्रभु को बिसराया है नर शरीर अनमोल रे प्राणी प्रभु कृपा से पाया है झूठे जग प्रपंच में पड़ कर क्यों प्रभु को बिसराया है समय हाथ से निकल गया तो समय हाथ से निकल गया तो सिर धुन धुन पछताएगा निर्मल मन के दर्पण से वह राम के दर्शन पाएगा राम नाम के साबुन से जो मन का मैल छुड़ाए गा निर्मल मन के दर्पण में वह राम का दर्शन पाएगा आहा हम्म हम्म झूठ कपट निंदा को त्यागो हर प्राणी से प्यार करो घर पर आये अतिथि को ही तो यथा शक्ति सत्कार करो झूठ कपट निंदा को त्यागो हर प्राणी से प्यार करो घर पर आये अतिथि को ही तो यथा शक्ति सत्कार करो क्यों, पता नहीं किस रूप में आ कर पता नहीं किस रूप में आ कर नारायण मिल जाएगा निर्मल मन के दर्पण से वह राम के दर्शन पाएगा राम नाम के साबुन से जो मन का मैल छुड़ाए गा निर्मल मन के दर्पण से वह राम का दर्शन पाएगा साधन तेरा कच्चा है जब तक प्रभु पर विश्वास नहीं मंजिल कर पाना है क्या जब दीपक में प्रकाश नहीं साधन तेरा कच्चा है जब तक प्रभु पर विश्वास नहीं मंजिल कर पाना है क्या जब दीपक में प्रकाश नहीं निश्चय है तो भवसागर से निश्चय है तो भवसागर से बेड़ा पार हो जायेगा निर्मल मन के दर्पण में वह राम का दर्शन पायेगा राम नाम के साबुन से जो मन का मैल छुड़ाएगा निर्मल मन के दर्पण में वह राम का दर्शन पायेगा वाह वाह दौलत का अभिमान है झूठा यह तो आनी जानी है राजा रंक अनेक हुए कितनो की सुनी कहानी है दौलत का अभिमान है झूठा यह तो आनी जानी है राजा रंक अनेक हुए कितनो की सुनी कहानी है राम नाम प्रिय महामंत्र ही राम नाम प्रिय महामंत्र ही साथ तुम्हारे जाएगा निर्मल मन के दर्पण में वह राम का दर्शन पायेगा राम नाम के साबुन से जो राम नाम के साबुन से जो मन का मैल छुड़ाएगा निर्मल मन के दर्पण में वह राम का दर्शन पायेगा राम नाम के साबुन से जो मन का मैल छुड़ाएगा निर्मल मन के दर्पण में वह राम का दर्शन पायेगा