Akhiyaan Gulaab
Mitraz
2:52नाहीं मजहब से ये संभल पायेगी नाहीं बंदूक से बदल जायेगी मोहब्बत से ही तो क्रांति आयेगी मोहब्बत से ही तो क्रांति आयेगी दिल धड़केगा तो धड़कन गायेगी ये आजादी की लौ बुझना पायेगी मोहब्बत से ही तो क्रांति आयेगी मोहब्बत से ही तो क्रांति आयेगी ये पंछी आवारा कब किसका हुआ यूँ प्यार लूटा दे फिर उसका हुआ ना पेहेलेसा यार यहां वक्त रहेगा दिल ना सहेगा जो भी सत्य कहेगा दिल के आगे ताज ना तख्त रहेगा हो हो कोई तकरार ना हल पायेगी इसके आगे किसी की ना चल पायेगी मोहब्बत से ही तो क्रांति आयेगी मोहब्बत से ही तो क्रांति आयेगी