Ek Raat Rahke Sath Dil Ki Baat Kijiye
Ragini Vishwakarma
5:31एक पल जो मेरे सीने से ओढ़नी फिसल गई एक पल जो मेरे सीने से ओढ़नी फिसल गई एक पल जो मेरे सीने से ओढ़नी फिसल गई जिसकी नजर पड़ी तो उसकी नीयत बदल गई भरता है तो झलकता है बर्तनी में ज्यादा पानी कैसे छुपा के चलूं मैं चहती हुई जवानी भरता है तो झलकता है बर्तनी में ज्यादा पानी कैसे छुपा के चलूं मैं चहती हुई जवानी अठरा परस के होके में अठारह बरस के होके में साच में ढल गई जिसकी नजर पड़ी तो उसकी नीयत बदल गई मदहोशियों में खोये हैं बहका सा मेरा मन तन मन में मेरे ऐसी एक होने लगी चुभन मदहोशियों में खोये हैं बहका सा मेरा मन तन मन में मेरी ऐसी एक होने लगी चुभन सरमा के मैंने देखा तो सरमा के मैंने देखा तो तबीयत मचल गई जिसकी नजर पड़ी तो उसकी नियत बदल गई एक पल जो मेरे सीने से ओढ़नी फिसल गई एक पल जो मेरे सीने से ओढ़नी फिसल गई जिसकी नजर पड़ी तो उसकी नीयत बदल गई