Ek Pal Jo Mere Sine Se Odhni Sarak Gai

Ek Pal Jo Mere Sine Se Odhni Sarak Gai

Ragini Vishwakarma

Длительность: 4:35
Год: 2024
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Текст песни

एक पल जो मेरे सीने से ओढ़नी फिसल गई
एक पल जो मेरे सीने से ओढ़नी फिसल गई
एक पल जो मेरे सीने
से ओढ़नी फिसल गई
जिसकी नजर पड़ी तो उसकी नीयत बदल गई

भरता है तो झलकता है बर्तनी में ज्यादा पानी

कैसे छुपा के चलूं मैं चहती हुई जवानी
भरता है तो झलकता है बर्तनी में ज्यादा पानी
कैसे छुपा के चलूं मैं चहती हुई जवानी
अठरा परस के होके में अठारह बरस के होके में
साच में ढल गई
जिसकी नजर पड़ी तो उसकी नीयत बदल गई

मदहोशियों में खोये हैं बहका सा मेरा मन

तन मन में मेरे ऐसी एक होने लगी चुभन

मदहोशियों में खोये हैं बहका सा मेरा मन
तन मन में मेरी ऐसी एक होने लगी चुभन
सरमा के मैंने देखा तो सरमा के
मैंने देखा तो तबीयत मचल गई

जिसकी नजर पड़ी तो उसकी नियत बदल गई
एक पल जो मेरे सीने से ओढ़नी फिसल गई
एक पल जो मेरे सीने से ओढ़नी फिसल गई
जिसकी नजर पड़ी तो
उसकी नीयत बदल गई