Sri Durga Ashtakam

Sri Durga Ashtakam

Rakesh Shukla

Альбом: Sri Durga Ashtakam
Длительность: 7:17
Год: 2025
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Текст песни

ॐ श्री दुर्गाय नमः
जो मनुष्य श्रद्धा और भक्ति भाव से, प्रातःकाल दुर्गाष्टक का पाठ करता है, वह सभी प्रकार के इच्छित फल प्राप्त करता है।
माँ दुर्गा, जिनकी स्तुति स्वयं हरि, अर्थात् भगवान विष्णु,  हर, अर्थात् भगवान शिव, और अन्य समस्त देवता भी करते हैं।
जिन्हें सम्पूर्ण देवमंडल में पूज्य और वन्दनीय माना गया है. उनकी असीम कृपा से, साधक को शीघ्र ही अपनी मनोकामनाओं की सिद्धि प्राप्त होती हैं।
आइए, भक्ति और श्रद्धा से भरकर, माँ दुर्गा का यह पावन दुर्गाष्टक गाएँ।

ॐ श्री दुर्गायै नमः
ॐ श्री दुर्गायै नमः

दुर्गे परेशि शुभदेशि परात्परेशि
वन्द्ये महेशदयिते करुणार्णवेशि ।
स्तुत्ये स्वधे सकलतापहरे सुरेशि
कृष्णस्तुते कुरु कृपां ललितेऽखिलेशि ॥
कृष्णस्तुते कुरु कृपां ललितेऽखिलेशि

ॐ श्री दुर्गायै नमः

दिव्ये नुते श्रुतिशतैर्विमले भवेशि
कन्दर्पदाराशतसुन्दरि माधवेशि ।
मेधे गिरीशतनये नियते शिवेशि
कृष्णस्तुते कुरु कृपां ललितेऽखिलेशि ॥
कृष्णस्तुते कुरु कृपां ललितेऽखिलेशि

ॐ श्री दुर्गायै नमः

रासेश्वरि प्रणततापहरे कुलेशि
धर्मप्रिये भयहरे वरदाग्रगेशि ।
वाग्देवते विधिनुते कमलासनेशि
कृष्णस्तुते कुरु कृपां ललितेऽखिलेशि ॥
कृष्णस्तुते कुरु कृपां ललितेऽखिलेशि

ॐ श्री दुर्गायै नमः

पूज्ये महावृषभवाहिनि मङ्गलेशि
पद्मे दिगम्बरि महेश्वरि काननेशि ।
रम्ये धरे सकलदेवनुते गयेशि
कृष्णस्तुते कुरु कृपां ललितेऽखिलेशि ॥
कृष्णस्तुते कुरु कृपां ललितेऽखिलेशि

ॐ श्री दुर्गायै नमः

श्रद्धे सुरासुरनुते सकले जलेशि
गङ्गे गिरीशदयिते गणनायकेशि ।
दक्षे स्मशाननिलये सुरनायकेशि
कृष्णस्तुते कुरु कृपां ललितेऽखिलेशि ॥
कृष्णस्तुते कुरु कृपां ललितेऽखिलेशि

ॐ श्री दुर्गायै नमः

तारे कृपार्द्रनयने मधुकैटभेशि
विद्येश्वरेश्वरि यमे निखिलाक्षरेशि ।
ऊर्जे चतुःस्तनि सनातनि मुक्तकेशि
कृष्णस्तुते कुरु कृपां ललितेऽखिलेशि ॥
कृष्णस्तुते कुरु कृपां ललितेऽखिलेशि

ॐ श्री दुर्गायै नमः

मोक्षेऽस्थिरे त्रिपुरसुन्दरिपाटलेशि
माहेश्वरि त्रिनयने प्रबले मखेशि ।
तृष्णे तरङ्गिणि बले गतिदे ध्रुवेशि
कृष्णस्तुते कुरु कृपां ललितेऽखिलेशि ॥
कृष्णस्तुते कुरु कृपां ललितेऽखिलेशि

ॐ श्री दुर्गायै नमः

विश्वम्भरे सकलदे विदिते जयेशि
विन्ध्यस्थिते शशिमुखि क्षणदे दयेशि ।
मातः सरोजनयने रसिके स्मरेशि
कृष्णस्तुते कुरु कृपां ललितेऽखिलेशि ॥
कृष्णस्तुते कुरु कृपां ललितेऽखिलेशि

ॐ श्री दुर्गायै नमः
ॐ श्री दुर्गायै नमः