Sankat Mochan Hanuman-Lofi
Rasraj Ji Maharaj
4:11राम, राम, राम, राम, राम श्री राम, राम, राम, राम श्री राम, राम, राम, राम, राम श्री राम, राम, श्री राम, राम, राम श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन हरण भवभय दारुणं नव कंज लोचन कंज मुख कर कंज पद कंजारुणं श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन हरण भवभय दारुणं श्री राम, जय राम, श्री राम, जय राम श्री राम, जय राम, श्री राम, जय राम श्री राम, राम, राम, जय-जय राम, राम, राम श्री राम, राम, राम, जय-जय राम, राम, राम कन्दर्प अगणित अमित छवि नव नील नीरद सुन्दरं पटपीत मानहुँ तड़ित रुचि-शुचि नोमि जनक सुतावरं श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन हरण भवभय दारुणं भजु दीनबन्धु दिनेश दानव दैत्य वंश निकन्दनं रघुनन्द आनन्द कन्द कोशल चन्द दशरथ नन्दनं श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन हरण भवभय दारुणं श्री राम, जय राम, श्री राम, जय राम श्री राम, राम, राम, राम, जय-जय राम, राम, राम, राम श्री राम, राम, राम, राम, जय-जय राम, राम, राम श्री राम, जय राम, श्री राम, जय राम शिर मुकुट कुंडल तिलक चारु उदारु अङ्ग विभूषणं आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खरदूषणं इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनं मम् हृदय कंज निवास कुरु कामादि खलदल गंजनं श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन हरण भवभय दारुणं श्री राम, जय राम, श्री राम, जय राम श्री राम, जय राम, श्री राम, जय राम श्री राम, राम, राम, जय-जय राम, राम, राम श्री राम, राम, राम, जय-जय राम, राम