Geeta Gyan - Ek Arjun Ke Nimit Milega Gyana Amirt

Geeta Gyan - Ek Arjun Ke Nimit Milega Gyana Amirt

Ravindra Jain

Длительность: 2:41
Год: 2022
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Текст песни

जो ही देने को चले प्रभु अर्जुन को ज्ञान
कुरुक्षेत्र पर हो गया केंद्रित सबका ध्यान
केंद्रित सबका ध्यान

ब्रह्मा जागे नारद चौके त्रिभुवन में कौतूहल जागा

चारों दिशाएं सचेत हुई धरती पर ध्यान सभी का लागा

गीता के महाज्ञान श्रवण को
गीता के महाज्ञान श्रवण को
शिव ने ध्यान समाधि से त्यागा
गीता के महाज्ञान श्रवण को
शिव ने ध्यान समाधि से त्यागा
इक अर्जुन के निमित्त मिलेगा ज्ञानामृत सबको बिन मांगा
इक अर्जुन के निमित्त मिलेगा ज्ञानामृत सबको बिन मांगा

हे अर्जुन किस हेतु बता तू असमय मोह को प्राप्त हुआ है

वीरोचित है न आर्योचित जो शोक तेरे मन व्याप्त हुआ है

स्वर्ग मिलेगा न कीर्ति बढ़ेगी
स्वर्ग मिलेगा न कीर्ति बढ़ेगी
क्या यह बोध समाप्त हुआ है
स्वर्ग मिलेगा न कीर्ति बढ़ेगी
क्या यह बोध समाप्त हुआ है
धर्म के युद्ध को शस्त्र उठा के
महासंग्राम तेरा मग जो है
धर्म के युद्ध को शस्त्र उठा के
महासंग्राम तेरा मग जो है