Shri Krishna Govind Hare Murari
Ravindra Jain
8:56हे मंगल भवन अमंगल हारी द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी (राम, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय राम) (राम, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय राम) आ राम भगत हित नर्तन धारी सहे संकट किये साधो सुखारी (राम, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय राम) सिया-राम, जय-जय राम (राम, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय राम) हो, होइहैं सोइ जो राम रचि राखा को करि तारक बढ़ावै साखा (राम, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय राम) (राम, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय राम) आ, जेहि के जेहि पर सत्य सनेहु सो तेहि मिलहि न कछु सन्देहु (राम, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय टक्कर मारना) (राम, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय राम) हे सिया राम मय सब जग जानि करहु प्रणाम जोरि जुग पानी (राम, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय राम) सिया-राम, जय-जय राम (राम, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय राम) आ, दीन दयालु विरद संभारी हरहु नाथ मम संकट भारी (राम, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय राम) सिया-राम जय-जय राम (राम, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय राम) तुलसी अपने राम को रीझ भजो के खिज उलट-सुधो भुगिहे खेत परे को बीज हे राम नाम करि अमित प्रभाव वेद पुराण उपनिषद गाव (राम, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय राम) सिया राम जय-जय राम (राम, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय राम) आ, जनम-जनम मुनि जतन कराही अंत राम कहि आवत नाहीं (राम, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय राम) (राम, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय राम) सीता श्रद्धा देश की, राम अटल विश्वास रामायण तुलसी रचित, हम तुलसी के दास हे, हरि आनन हरि आनन. हरि अनंत, हरि हरि अनंत, हरि कथा अनंता कहहिं सुनहिं बहुबिधि सब संता (राम, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय राम) (राम, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय राम) राम, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय राम (राम, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय राम) राम, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय राम (राम, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय राम) राम, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय राम (राम, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय राम) राम, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय राम (राम, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय राम) (राम, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय राम)