Shri Krishna Govind Hare Murari
Ravindra Jain
8:56बाल समय रवि भक्षी लियो, तब तीनहुं लोक भयो अंधियारों (तीनहुं लोक भयो अंधियारों) ताहि सों त्रास भयो जग को, यह संकट काहु सों जात न टारो (संकट काहु सों जात न टारो) देवन आनि करी बिनती देवन आनि करी बिनती, तब छाड़ी दियो रवि कष्ट निवारो (को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन) नाम तिहारो को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो बालि की त्रास कपीस बसैं गिरि, जात महाप्रभु पंथ निहारो (जात महाप्रभु पंथ निहारो) चौंकि महामुनि साप दियो तब, चाहिए कौन बिचार बिचारो (चाहिए कौन बिचार बिचारो) कैद्विज रूप लिवाय महाप्रभु... कैद्विज रूप लिवाय महाप्रभु, सो तुम दास के शोक निवारो (को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन) नाम तिहारो को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो अंगद के संग लेन गए सिय, खोज कपीस यह बैन उचारो (खोज कपीस यह बैन उचारो) जीवत ना बचिहौ हम सो जु, बिना सुधि लाये इहां पगु धारो (बिना सुधि लाये इहां पगु धारो) हेरी थके तट सिन्धु सबे हेरी थके तट सिन्धु सबे, तब लाए सिया-सुधि प्राण उबारो (को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन) नाम तिहारो को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो रावण त्रास दई सिय को, तब राक्षसी सों कही सोक निवारो (राक्षसी सों कही सोक निवारो) ताहि समय हनुमान महाप्रभु, जाए महा रजनीचर मरो (जाए महा रजनीचर मरो) चाहत सीय असोक सों आगि चाहत सीय असोक सों आगि सु, दै प्रभु मुद्रिका सोक निवारो (को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन) नाम तिहारो को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो बान लाग्यो उर लछिमन के तब, प्राण तजे सूत रावन मारो (प्राण तजे सूत रावन मारो) लै गृह बैद्य सुषेन समेत, तबै गिरि द्रोण सु बीर उपारो (तबै गिरि द्रोण सु बीर उपारो) आनि सजीवनी हाथ दई आनि सजीवनी हाथ दई तब, लछिमन के तुम प्रान उबारो (को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन) नाम तिहारो को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो रावन युद्ध अजान कियो तब, नाग कि फांस सबै सिर डारो (नाग कि फांस सबै सिर डारो) श्रीरघुनाथ समेत सबै दल, मोह भयो यह संकट भारो (मोह भयो यह संकट भारो) आनि खगेस तबै हनुमान जु... आनि खगेस तबै हनुमान जु, बंधन काटि के सुत्रास निवारो (को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन) नाम तिहारो को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो बंधू समेत जबै अहिरावन, लै रघुनाथ पाताल सिधारो (लै रघुनाथ पाताल सिधारो) देबिन्हीं पूजि भलि विधि सों बलि, देउ सबै मिलि मंत्र विचारो (बलि देउ सबै मिलि मंत्र विचारो) जाये सहाए भयो तब ही... जाये सहाए भयो तब ही, अहिरावन सैन्य समेत संहारो (को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन) नाम तिहारो को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो काज किए बड़ देवन के तुम, वीर महाप्रभु देखि बिचारो (वीर महाप्रभु देखि बिचारो) कौन सो संकट मोर गरीब को, जो तुमसों नहिं जात है टारो (जो तुमसों नहिं जात है टारो) बेगि हरो हनुमान महाप्रभु बेगि हरो हनुमान महाप्रभु, जो कछु संकट होए हमारो (को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन) नाम तिहारो को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो लाल देह लाली लसे अरु धरि लाल लंगूर वज्र देह दानव दलन जय जय जय कपि सूर (जय जय जय कपि सूर)