Savaiyaa Raadhey Krishn Ki Jyoti

Savaiyaa Raadhey Krishn Ki Jyoti

Ravindra Jain & Shreya Ghoshal

Альбом: Vivah
Длительность: 2:17
Год: 2006
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Текст песни

राधे-कृष्ण की ज्योति अलौकिक
तीनों लोक में छाए रही है
भक्ति विवश एक प्रेम पुजारिन
फिर भी दीप जलाए रही है
कृष्ण को गोकुल से, राधे को
कृष्ण को गोकुल से, राधे को
बरसाने से बुलाए रही है
दोनों करो स्वीकार कृपा कर
जोगन आरती गाए रही है
दोनों करो स्वीकार कृपा कर
जोगन आरती गाए रही है

भोर भए ते साँझ ढले तक
सेवा कौन इतनेम हमारो
स्नान कराए वो, वस्त्र ओढ़ाए वो
भोग लगाए वो लागत प्यारो
कब ते निहारत आप की ओर
कब ते निहारत आप की ओर
कि आप हमारी ओर निहारो
राधे-कृष्ण हमारे धाम को
जानी वृंदावन धाम पधारो
राधे-कृष्ण हमारे धाम को
जानी वृंदावन धाम पधारो