Tujhme Nahi Hai
Bharg
2:55(क्यूँ हैं अजनबी हम?) (एक मुलाक़ात में थे मिटे मेरे ग़म) (तेरे हवाले, हूँ मैं तेरे हवाले) Ooh, Bharg cooked another one क्यूँ हैं अजनबी हम? एक मुलाक़ात में थे मिटे मेरे ग़म तेरे हवाले, हूँ मैं तेरे हवाले (तेरे हवाले) क्यूँ हैं अजनबी हम? एक मुलाक़ात में थे मिटे मेरे ग़म तेरे हवाले, हूँ मैं तेरे हवाले सोचा ना था, एहसास ऐसा कभी जाना ना था तेरे बिना मैं आवारा था आवारा, मैं जैसा उजाला बिन अँधेरा ना जाने क्या जादू फ़ेरा है तूने अब तक थे लगते अधूरे रातें नयी, बातें वही पर तू साथ ना हो तो नींद आती नहीं Hmm, hmm मन में छुपी बातें कैसे मैं तुम्हें कहूँ? Hmm, जाने क्यूँ हूँ! क्यूँ हैं अजनबी हम? एक मुलाक़ात में थे मिटे मेरे ग़म तेरे हवाले, हूँ मैं तेरे हवाले (तेरे हवाले) क्यूँ हैं अजनबी हम? एक मुलाक़ात में थे मिटे मेरे ग़म तेरे हवाले, हूँ मैं तेरे हवाले तेरे हवाले अब हो गया मैं तेरे ही ख़्वाबों में अब खो गया मैं जाने कितनी रातों से अब सायो ना मैं सोचते-सोचते पागल होेके मुस्कुरा रहा मैं, yuh जाने क्यूँ मेरे दिन, मेरी रातें हैं गुम जैसे ज़िंदगी लफ़्ज़ों की धुन के बिना है अधूरी तू अजनबी, ये ना ज़रूरी ख़ुला आसमाँ लगे समाँ ख़ुश ये जहाँ, तू ही बता क्यूँ हैं अजनबी हम? एक मुलाक़ात में थे मिटे मेरे ग़म तेरे हवाले, हूँ मैं तेरे हवाले (तेरे हवाले) क्यूँ हैं अजनबी हम? एक मुलाक़ात में थे मिटे मेरे ग़म तेरे हवाले, हूँ मैं तेरे हवाले