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Rupak Mehta - Musafir Hoon Yaron | Скачать MP3 бесплатно
Musafir Hoon Yaron

Musafir Hoon Yaron

Rupak Mehta

Длительность: 3:57
Год: 2023
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Текст песни

मुसाफिर हूँ यारो ना घर है ना ठिकाना
ह्म्म हम्म हे
मुसाफिर हूँ यारो ना घर है ना ठिकाना
मुझे चलते जाना है बस चलते जाना
मुसाफिर हूँ यारो ना घर है ना ठिकाना
मुझे चलते जाना है बस चलते जाना

एक राह रुक गयी तो और जुड़ गयी
मैं मुडा तो साथ साथ राह मुड गयी
हवा के परों पर मेरा आशियाना
मुसाफिर हूँ यारो ना घर है ना ठिकाना
मुझे चलते जाना है बस चलते जाना
दिन ने हाथ थाम कर इधर बिठा लिया
रात ने इशारे से उधर बुला लिया
सुबह से शाम से मेरा दोस्ताना
मुसाफिर हूँ यारो ना घर है ना ठिकाना
मुझे चलते जाना है बस चलते जाना
मुसाफिर हूँ यारो ना घर है ना ठिकाना
मुझे चलते जाना है बस चलते जाना