Baarish Mein Phir
Saahel
2:57तुझ ही में हैरानी सी होती इस बात पे था मैं जाने कहाँ बेताबी ज़िंदगी तेरी रूह से वाक़िफ़ हुआ हूँ मेरी हर दुआ में शामिल हुआ तू ख़ुद से मिला तुझसे मिला हूँ ना जाने क्यों मुझसे ज़्यादा मैं तुझ सा होने लगा हूँ मैं ख़ुद को खोने लगा हूँ तुझ ही में नज़रअंदाज़ करे तू मेरी ख़ामियाँ उलझी थी जो सुलझी हैं कहानियाँ तेरी रूह से वाक़िफ़ हुआ हूँ मेरी हर दुआ में शामिल हुआ तू ख़ुद से मिला तुझसे मिला हूँ ना जाने क्यों मुझसे ज़्यादा मैं तुझ सा होने लगा हूँ मैं ख़ुद को खोने लगा हूँ तुझ ही में मुझसे ज़्यादा मैं तुझ सा होने लगा हूँ मैं ख़ुद को खोने लगा हूँ तुझ ही में