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Salman Elahi - Mukhatib | Скачать MP3 бесплатно
Mukhatib

Mukhatib

Salman Elahi

Альбом: Mukhatib
Длительность: 3:53
Год: 2024
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Текст песни

क्या कभी ख़ुद से रू-ब-रू हुए?
या मुआशरे के रंग में मशरूफ़ ही रहे?
देखो, ये दुनिया कितनी हसीं
देखो, ये दुनिया कितनी हसीं
और तुम भी तो कुछ कम नहीं

ख़ुद से ख़ुद में झाँकने वक़्त हुआ
नाज़ुक सा दिल तेरा चोटों से सख़्त हुआ
ख़ुद से ख़ुद में झाँकने वक़्त हुआ
नाज़ुक सा दिल तेरा चोटों से सख़्त हुआ

है वक़्त अभी भी, ख़ुद से एक बार मिल
उम्मीद के बग़ीचे में बनके तू फूल खिल

दुनिया के तानों से ‘गर तू डर गया
होकर भी ज़िंदा तू अंदर से तो मर गया

दुनिया के तानों से ‘गर तू डर गया
होकर भी ज़िंदा तू अंदर से तो मर गया
है वक़्त अभी भी, ख़ुद की इक बार सुन
मंज़िल तू अपनी ख़ुद के उसूलों से चुन

क्या कभी ख़ुद से रू-ब-रू हुए?
या मुआशरे के रंग में मशरूफ़ ही रहे?
देखो, ये दुनिया कितनी हसीं
देखो, ये दुनिया कितनी हसीं
और तुम भी तो कुछ कम नहीं