Dil Chahta Hai
Shankar Mahadevan
5:11कोई जो मिला तो मुझे ऐसा लगता था जैसे मेरी सारी दुनिया मैं गीतों की रुत और रंगों की बरखा है खुश्बू की आकधि है महकी हुई सी अब सारी फ़िज़ाइं हैं बहकी हुई सी अब सारी हवाएँ हैं खोई हुई सी अब सारी दिशाएं हैं बदली हुई सी अब सारी अदाएँ हैं जागी उम्मेंगें हैं धड़क रहा आयी दिल सासों मैं तूफान हैं होतों पे नगमे हैं आखों मैं सपने हैं सपनों मैं बीते हुए सारे वो लम्हे हैं जब कोई आया था नज़रों पे च्चाया था दिल मैं समाया था कैसे मैं बतौन तुम्हे कैसे उसे पाया था प्यारे से चेहरे पे बिखरी जो जुल्फेन तो ऐसा लगता था जैसे कोहरे के पिच्चे एक ओस मैं धुला हुआ फूल खिला है जैसे बदल मैं इक चाँद च्छूपा है और झाँक रहा है जैसे रात के पर्दे मैं एक सवेरा है रोशन रोशन आखों मैं सपनों का सागर जिस्मैन प्रेम सितारों की चादर जैसे झलक रही है लहरों लहरों बात करे तो जैसे मोटी बरसे जैसे कहीं चाँदी की पायल गूँजे जैसे कहीं शीशे मैं जाम गिरे और च्चन्न से टूटे जैसे कोई च्चिप के सितार बजाए जैसे कोई चाँदनी रात मैं गये जैसे कोई होल से पास बुलाए कैसी मीठी बातयन थी वो कैसी मुलाक़ातें थी वो जब मैने जाना था नज़रों से कैसे पिघलते हैं दिल और आरज़ू पाती है कैसे मंज़िल और कैसे उतरता है चाँद ज़मीन पर कैसे कभी लगता है स्वर्ग अगर है तो बस है यहीं पर उसने बनाया मुझे और समझाया मुझे हम जो मिले हैं हमैन ऐसे ही मिलना था गुल जो खिले हैं उन्हे ऐसे ही खिलना था जन्मो के बंधन जन्मो के रिश्ते हैं जब भी हम जन्मे तो हम यहीं मिलते हैं कानों मैं मेरे जैसे शहेड सा घुलने लगे ख्वाबों के दर जैसे आखों मैं खुलने लगे ख्वाबों की दुनिया भी कितनी हसीन और कैसी रंगीन थी ख्वाबों की दुनिया जो कहने को थी पर कहीं भी नही थी ख्वाब जो टूटे मेरे आख जो खुली मेरी होश जो आया मुझे मैने देखा मैने जाना वो जो कभी आया था नज़रों पे च्चाया था दिल मैं समाया था जा भी चुका है और दिल मेरा अब है तन्हा तन्हा ना तो कोई अरमान है ना कोई तमन्ना है और ना कोई सपना है अब जो मेरे दिन और अब जो मेरी रतायं हैं उन्मन सिर्फ़ आनसून हैं उन्मन सीफ दर्द की रंज की बताईं हैं और फर्यादें हैं मेरा अब भी कोई नही मैं हूँ और खोए हुए प्यार की यादें हे मैं हूँ और खोए हुए प्यार की यादें हे मैं हूँ और खोए हुए प्यार की यादें हे