Sukhakarta Dukhaharta, Shendur Lal Chadhayo, Ghalin Lotangan
Shankar Mahadevan
6:05ॐ जय शिव ओंकारा ॐ हर शिव ओंकारा ब्रह्मा विष्णु सदाशिव ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्धांगी धारा ॐ जय शिव ओंकारा एकानन चतुरानन पंचांनन राजे स्वामी पंचांनन राजे हंसानन गरुड़ासन हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॐ जय शिव ओंकारा दो भुज चार चतुर्भुज दश भुज अति सोहें स्वामी दश भुज अति सोहें तीनों रूप निरखता तीनों रूप निरखता त्रिभुवन जन मोहें ॐ जय शिव ओंकारा अक्षमाला वनमाला मुंडमालाधारी स्वामी मुंडमालाधारी चंदन मृदमग सोहें चंदन मृदमग सोहें भोले शुभकारी ॐ जय शिव ओंकारा श्वेताम्बर पीताम्बर बाघाम्बर अंगें स्वामी बाघाम्बर अंगें सनकादिक ब्रह्मादिक सनकादिक ब्रह्मादिक भूतादिक संगें ॐ जय शिव ओंकारा करने श्वेत कमड़ंल चक्र त्रिशूलधारता स्वामी चक्र त्रिशूलधारता जगकर्ता दुखहर्ता जगकर्ता दुखहर्ता जगपालनकारता ॐ जय शिव ओंकारा ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका स्वामी जानत अविवेका प्रणवाक्षर के मध्ये प्रणवाक्षर के मध्ये ये तीनों एका ॐ जय शिव ओंकारा त्रिगुण स्वामी की आरती जो कोई नर गावें स्वामी जो कोई नर गावें कहत शिवानंद स्वामी कहत शिवानंद स्वामी मनवांछित फल पावे ॐ जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा स्वामी जय शिव ओंकारा ब्रह्मा विष्णु सदाशिव ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्धांगी धारा ॐ जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा