Aag
Shehzad Roy
4:41क्या यही थी तेरी दोस्ती दो क़दम भी ना तू चल सकी क्या यही थी तेरी दोस्ती दो क़दम भी ना तू चल सकी झूती रस्मों से झूती क़समों से तूने रुसवा ज़माने में प्यार को किया तेरे वादों का मैने ऐतबार क्यूँ किया तेरे वादों का मैने ऐतबार क्यूँ किया तुझपे क्या क्या मुझे मान था ऐक तेरा ही अरमान था तुझपे क्या क्या मुझे मान था ऐक तेरा ही अरमान था थी यह मेरी ख़ाता जान के बेवफा मैने फिर भी तेरा इंतेज़ार क्यूँ किया तेरे वादों का मैने ऐतबार क्यूँ किया तेरे वादों का मैने ऐतबार क्यूँ किए..हो..हो..हो तेरी चाहत मुझे ना मिली कैसी होती है दिल की लगी तेरी चाहत मुझे ना मिली केसी होती है दिल की लगी मैने जाना यही क्या बुरी क्या भली इस मोहब्बत में दिल बेक़रार क्यूँ किया तेरे वादों का मैने ऐतबार क्यूँ किया तेरे वादों का मैने ऐतबार क्यूँ किया फिर भी तुझ से किया ना गीला बुझ गया आरज़ू का दिया फिर भी तुझ से किया ना गीला बुझ गया आरज़ू का दिया सोचा मैने था क्या क्या हुआ क्या मिला वक़्त ने मुझ पे जाने यह वार क्यूँ किया तेरे वादों का मैने ऐतबार क्यूँ किया तेरे वादों का मैने ऐतबार क्यूँ किया क्या यही थी तेरी दोस्ती दो क़दम भी ना तू चल सकी क्या यही थी तेरी दोस्ती दो क़दम भी ना तू चल सकी झूती रस्मों से झूती क़समों से तूने रुसवा ज़माने में प्यार को किया तेरे वादों का मैने ऐतबार क्यूँ किया तेरे वादों का मैने ऐतबार क्यूँ किया तेरे वादों का मैने ऐतबार क्यूँ किया तेरे वादों का मैने ऐतबार क्यूँ किया तेरे वादों का मैने ऐतबार क्यूँ किया तेरे वादों का मैने ऐतबार क्यूँ किया