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Shehzad Roy - Janey Kahan | Скачать MP3 бесплатно
Janey Kahan

Janey Kahan

Shehzad Roy

Длительность: 5:16
Год: 2008
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Текст песни

जाने कहाँ
जाने कहाँ रह गये
वो सुहाने पल
जाने कहाँ
जाने कहाँ रह गये
वो सुहाने पल
कभी यादों में आ के जगाए
कोई धीमी धीमी सी धुन सुनाए
कभी यादों में आ के जगाए
कोई धीमी धीमी सी धुन सुनाए

ओहू

खो गयी, खो गयी शाम भी
दिन गये बदल
जाने कहाँ
जाने कहाँ रह गये
वो सुहाने पल

वो माज़ी की तस्वीरें
जैसे हाथ में बंद लकीरें
जब स्सांने आती हैं
हो कुछ यादें लाती हैं
वो माज़ी की तस्वीरें
जैसे हाथ में बंद लकीरें
जब स्सांने आती हैं
हो कुछ यादें लाती हैं
आँखें भर आती हैं
बहती ही जाती हैं
बहती ही जाती हैं
खो गया, खो गया सपनों का
वो हसीन महल
जाने कहाँ
जाने कहाँ रह गये
वो सुहाने पल

कुछ अनदेखे अंजाने
कुछ ढूंडले ख्वाब सुहाने
सावन बरसते मौसम
वो महका महका आँगन
कुछ अनदेखे अंजाने
कुछ ढूंडले ख्वाब सुहाने
सावन बरसते मौसम
वो महका महका आँगन
वो रह गयी दूउर कहाँ
बस धुवन हे धुवन
बस धुवन हे धुवन
ज़िंदगी, ज़िंदगी ठहेर जा
तू ज़रा संभाल
जाने कहाँ
जाने कहाँ रह गये
वो सुहाने पल
कभी यादों में आ के जगाए
कोई धीमी धीमी सी धुन सुनाए
कभी यादों में आ के जगाए
कोई धीमी धीमी सी धुन सुनाए

ओहूओ

खो गयी, खो गयी शाम भी
दिन गये बदल
जाने कहाँ
जाने कहाँ रह गये
वो सुहाने पल