Namami Shamishan
Religious India
5:25ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा ॐ वसुधरे स्वाहा इस मंत्र के निरंतर १०८ बार के जाप करने से कहा जाता है धन की बढ़ौत्री होती है तथा भौतिक संसार योग की पूर्ति होती है