Barbaad (Movie: Saiyaara)
Jubin Nautiyal
5:58जो हमनवा थे अब वो खफा हैं कल हमसफ़र थे अब हैं जुदा क्यों आंसुओं से लिखने लगी हैं अब ज़िंदगानी ये दास्तान पहले थे हसे जितना अब उतना बुरा लगता हैं सब तो खो गया मुझसे अब किसके लिए रुकना हैं फिर चला फिर चला उन् राहों से दिल चला फिर चला फिर चला उन् राहों से दिल चला पाने की चाहत में खो गया ख़्वाबों के हाथों से दिल गिर गया टूटी जो नींदें दिखा ही नहीं जाने कहाँ वो मुसाफिर गया निकले थे सही करने हम फिर भी गलत ही हुआ हैं अनजाने में जाने कैसा हमसे गुनाह हो गया हैं फिर चला फिर चला उन राहों से दिल चला फिर चला फिर चला उन राहों से दिल चला तकदीरों की इस लड़ाई में बैठे हैं रिश्ते ये हारे हुए बेचारे दिल को तो पूछो कोई इसकी ख़ुशी इसको क्या चाहिए रहती थी जहाँ रौनक अब घर वो सुना पड़ा हैं वो जो ख्वाब देखा था सौ टुकड़ो में टूटा पड़ा हैं फिर चला फिर चला उन् राहों से दिल चला फिर चला फिर चला उन् राहों से दिल चला