Syahi
Sinta Bhai
3:18तेरे गरम खून के चक्कर में मैं सीली पड़ गई थी लाल जोड़े में हीर तेरी कटी पिली पड़ गई थी बहुत आई थी शर्म मने जब छोड़ के जाऊं थी कुछ बच्या ना था भीतर जब दिल तोड़ के जाऊं थी तने करके याद मैं पी गई आंसू पहले फेरे पाई मैं आग लगा दूं लहंगे में जो पड़ गया लाखा में जे हिम्मत करके मांग लेता मने मेरे बाबू पै तेरे हाथा तै ऐ घालणी थी रे स्याही आंख्यां में जे हिम्मत करके मांग लेता मने मेरे बाबू पै तेरे हाथा तै ऐ घालणी थी रे स्याही आंख्यां में तू आज भी मेरा, काल भी मेरा, समझ्या कदे पराया नी जब फेरे हो लिए गैर की गेल्या, रोकण क्यांते आया नी ले जान भी दे दी तेरे पै, इब के करलेगा तू मने लुटेरा कहंदी हां भी, किते तू शरमाया नी बांधे थे रे तागे जिस पीपल पै गेल तेरी ओड्डे सपने खागे फांसी रे उन पेड्या की शाखा में जे हिम्मत करके मांग लेता मने मेरे बाबू पै तेरे हाथा तै ऐ घालणी थी रे स्याही आंख्यां में जे हिम्मत करके मांग लेता मने मेरे बाबू पै तेरे हाथा तै ऐ घालणी थी रे स्याही आंख्यां में तू किसे और की होगी, हो मैं खुद का हो भी पाया ना तू खिल-खिल के नै हांसी थी मैं खुल के रो भी पाया ना मेरे पे भुलाई जाती ना तू, बेशक मने छोड़ गई मैं कर ल्यूं बात तेरी फोटो पे, तू तो रिश्ता तोड़ गई मेरे दिल में करके घाव, मेरा हाल बेहाल करे से तू फिर न्यू पूछे जीवे के ए यार कमाल करे से तू तेरे नाम का बोले ए जो काग मंडेरे पै जी तो करे मैं आग लगा दूं उसकी पांखां में तेरे जाए पाछे कदे मेरे दारू भी चढ़ती ना तू डोली चढ़ गई, राज़ी-राज़ी घाल के स्याही आंख्यां में तेरे जाए पाछे कदे मेरे दारू भी चढ़ती ना तू डोली चढ़ गई, राज़ी-राज़ी घाल के स्याही आंख्यां में नाड़ ना हाली खुद मेरी घऱक्यां की दाब में मानी मैं तेरी हो ना पाई तो दिखे मरगी भरी जवानी में हाय रुक्के मार के करूं ब्लेम मैं सारे ज़माने नै 2 बालक मार दिए लोगो घऱक्यां की मनमानी नै देख ना पावेगा तू मने खुली आंख्यां तै रलगई रे तेरी जान इब श्मशान की राखा में जे हिम्मत करके मांग लेता मने मेरे बाबू पै तेरे हाथा तै ऐ घालणी थी रे स्याही आंख्यां में जे हिम्मत करके मांग लेता मने मेरे बाबू पै तेरे हाथा तै ऐ घालणी थी रे स्याही आंख्यां में