Shuru Karein Kya

Shuru Karein Kya

Slowcheeta, Dee Mc, Kaam Bhaari, And Spitfire

Альбом: Desh Bhakti Songs
Длительность: 3:45
Год: 2025
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Текст песни

बाते बहुत हुई काम शुरू करे क्या
कल क्या करेगा आज शुरू करे क्या
ये देश अपने हाथ कुछ बातो से होगा ना
तू खुद ही है नायक तो शुरू करे क्या (करे क्या)

बाते बहुत हुई काम शुरू करे क्या (करे क्या)
कल क्या करेगा आज शुरू करे क्या (करे क्या)
ये देश अपने हाथ कुछ बातो से होगा ना (करे क्या)
तू खुद ही है नायक तो शुरू करे क्या

शुरुवात से ही सीखते गलत है गरम है
हम सब पे पर खुद मै जो दम है वो कम है क्या
तेरे अंदर की जमीर आज नम है क्या
दुसरो पे भौके तुझे खुद पे शरम है क्या
गरीबो पे अत्याचार
बच्चीयो का बलात्कार
न रुके गा ना तो होगा ऐसा कोई चमत्कार
उंगली उठाते पपर आवाज तो उठाओ
नोट सब छापे साले इज्जत कमाओ
दीप तुम जलाते खाली कदम बढाते
अपने अंदर के अंधेरे मै तुम बत्ती को जलाओ

आफताब सी उडान क्यू समाज बना चिलमन सा
लुटकर जो लथपथ तू पुछता है जात उनका
तर्कश मै मजहब ये जबतक तराजू के
पिढी की मौत होगी घर्षण करे शंका
हा ऐनक आवाम का है साफ नही
देवी हा सडको पे डरके क्यू काप रही
सांप बनी छाती पे देहषेत धर्म की
तू खुदा है मसीहा ये आंखे क्यू नमसी
सांप बनी छाती पे देहषेत धर्म की
तू खुदा है मसीहा ये आंखे क्यू नमसी

बाते बहुत हुई काम शुरू करे क्या
कल क्या करेगा आज शुरू करे क्या
ये देश अपने हाथ कुछ बातो से होगा ना
तू खुद ही है नायक तो शुरू करे क्या (करे क्या)
बाते बहुत हुई काम शुरू करे क्या (करे क्या)
कल क्या करेगा आज शुरू करे क्या (करे क्या)
ये देश अपने हाथ कुछ बातो से होगा ना
तू खुद ही है नायक तो शुरू करे क्या

भाई मुसलमान का तो कायको लडते जाते पे
इंसानियात है गुमशुदा और सायको हम हालत से
और अपने लोगो लो तो चाहिये जाती का वाद हाथी का दात तू बोल मुझको
किधर गायब
इन्साफ
तभी मिलेगा जभी तू अपने हक को बोलना शुरू करेगा
सच को खोलना सबके बारे मै सोचना अब तू नही डरेगा
अमीर के थाली मै रोटी चार
फकीर को नही हे मिला प्रसाद
सब ठीक है तेरा तो बडा व्यापार
कमजोर पे ऐसे न डाल दबाव

चलो शुरू से शुरू करे हाल क्यू बेहाल है
ऐसे तो आझादी को हुई सत्तर साल है
हम आझाद न फिर भी
कभी सुनते न खुदकी
बस घर बैठे सोचेंगे मसले की तरकीब
कदम ले आगे तो पिछे ये खीचे तू जादा सच उगले तो धरती के नीचे
अब नीचे हे रेहना
सब हिम्मत से सेहना
वो मारे वो पिते तू कुछ भी न केहना
हर जाती से छोटी यहा औरत की जात
देदे जीवन की दोर किसी ओरके हाथ
यहा प्राण जाये पर मान न जाये
दौलत की लालच हडपति दुआये

बाते बहुत हुई काम शुरू करे क्या
कल क्या करेगा आज शुरू करे क्या
ये देश अपने हाथ कुछ बातो से होगा ना
तू खुद ही है नायक तो शुरू करे क्या (करे क्या)
बाते बहुत हुई काम शुरू करे क्या (करे क्या)
कल क्या करेगा आज शुरू करे क्या (करे क्या)
ये देश अपने हाथ कुछ बातो से होगा ना
तू खुद ही है नायक तो शुरू करे क्या (करे क्या)
बाते बहुत हुई काम शुरू करे क्या
कल क्या करेगा आज शुरू करे क्या
ये देश अपने हाथ कुछ बातो से होगा ना
तू खुद ही है नायक तो शुरू करे क्या (करे क्या)
बाते बहुत हुई काम शुरू करे क्या (करे क्या)
कल क्या करेगा आज शुरू करे क्या (करे क्या)
ये देश अपने हाथ कुछ बातो से होगा ना
तू खुद ही है नायक तो शुरू करे क्या शुरू करे क्या
शुरू करे क्या शुरू करे क्या