Aap Ke Haseen Rukh Pe

Aap Ke Haseen Rukh Pe

Sudhijit Sinha

Длительность: 6:56
Год: 2023
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Текст песни

आप के हसीन रुख़ पे आज नया नूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेरा क्या क़ुसूर है
आप की निगाह ने कहा तो कुछ ज़ुरूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेरा क्या क़ुसूर है

आप के हसीन रुख़ पे आज नया नूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेरा क्या क़ुसूर है

आप की निगाह ने कहा तो कुछ ज़ुरूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेरा क्या क़ुसूर है

खुली लटों की छाँव में खिला-खिला सा रूप है
खुली लटों की छाँव में खिला-खिला सा रूप है
घटा पे जैसे छा रही सुबह-सुबह की धूप है
जिधर नज़र मुड़ी
जिधर नज़र मुड़ी उधर सुरूर ही सुरूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेरा क्या क़ुसूर है
आप की निगाह ने कहा तो कुछ ज़ुरूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेरा क्या क़ुसूर है

झुकी-झुकी निगाह में भी हैं बला की शोख़ियाँ
झुकी-झुकी निगाह में भी हैं बला की शोख़ियाँ
दबी-दबी हंसी में भी तड़प रही हैं बिजलियाँ
शबाब आप का शबाब आप का
शबाब आप का नशे में ख़ुद ही चूर-चूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेरा क्या क़ुसूर है
आप की निगाह ने कहा तो कुछ ज़ुरूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेरा क्या क़ुसूर है

जहाँ-जहाँ पड़े कदम वहाँ फ़िज़ां बदल गई
जहाँ-जहाँ पड़े कदम वहाँ फ़िज़ां बदल गई
कि जैसे सर-बसर बहार आप ही में ढल गई
किसी में ये कशिश किसी में ये कशिश
किसी में ये कशिश कहाँ जो आप में हुज़ूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेरा क्या क़ुसूर है
आप की निगाह ने कहा तो कुछ ज़ुरूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेरा क्या क़ुसूर है

खुली लटों की छाँव में खिला-खिला सा रूप है
खुली लटों की छाँव में खिला-खिला सा रूप है
घटा पे जैसे छा रही सुबह-सुबह की धूप है
जिधर नज़र मुड़ी जिधर नज़र मुड़ी
जिधर नज़र मुड़ी उधर सुरूर ही सुरूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेरा क्या क़ुसूर है