Chor Bazaari
Pritam
4:18ता ना ता ना ना ता ना ता ना ना ता ना ता ना ना ता ना ता ना ना रात के ढाई बजे कोई शहनाई बजे दिल का बाज़ार लगा धेला तक पाई बजे ता ना ता ना ना ता ना ता ना ना ता ना ता ना ना ता ना ता ना ना रात के ढाई बजे कोई शहनाई बजे दिल का बाज़ार लगा धेला तक पाई बजे चौके चौके चौके से खोए खोए से हम आँखें डूबी डूबी सी सोए सोए से हम दिल ने कैसी दुर्गति की ओ ओ पहली बार मोहब्बत की है अजी आख़िरी बार मोहब्बत की है पहली बार मोहब्बत की है आख़िरी बार मोहब्बत की है जान हथेली ऊपर ले ली जानूं कैसी हरकत की है अजी पहली बार मोहब्बत की है आख़िरी बार मोहब्बत की है इश्क़ में चलते हुए साँस तेजाबी लगे राज़ खुलता ही नहीं कोई तो चाबी लगे ता ना ता ना ना ता ना ता ना ना ता ना ता ना ना ता ना ता ना ना इश्क़ में चलते हुए साँस तेजाबी लगे राज़ खुलता ही नहीं कोई तो चाबी लगे इश्क़ में चलते हुए साँस तेजाबी लगे साँस तेजाबी लगे इश्क़ में चलते हुए हो चिकने चिकने लच्छे हैं रेशमी से फंदे चुपड़ी चुपड़ी बातों में भोले भाले बंदे तन्हाई में फुर्सत दी है अरे पहली बार मोहब्बत की है अजी आख़िरी बार मोहब्बत की है पहली बार मोहब्बत की है आख़िरी बार मोहब्बत की है रात कुछ ऐसा हुआ जैसा होता तो नहीं थाम के रखा मुझे मैं भी खोता तो नहीं एक ही लट सुलझाने में सारी रात गुज़ारी है जान की गठरी सर पे ले ली आपने कैसी जहमत दी है अरे पहली बार मोहब्बत की है आख़िरी बार मोहब्बत की है पहली बार मोहब्बत की है