Om Jai Jagdish Hare

Om Jai Jagdish Hare

Narendra Chanchal

Альбом: Aartiyan Vol.3
Длительность: 5:42
Год: 1999
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Текст песни

ॐ जय जगदीश हरे
स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट

(भक्त जनों के संकट)
छिन में दूर करे
ॐ जय जगदीश हरे

जो ध्यावे फल पावे, दुख बिनसे मन का
(स्वामी दुख बिनसे मन का)
सुख-संपत्ति घर आवे

(सुख-संपत्ति घर आवे)
कष्ट मिटे तन का
(ॐ जय जगदीश हरे)

मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं मैं किसकी
(स्वामी शरण गहूं मैं किसकी)
तुम बिन और ना दूजा

(तुम बिन और ना दूजा)
आस करूं जिसकी
ॐ जय जगदीश हरे

तुम पूरण परमात्मा, तुम अंतरयामी
(स्वामी तुम अंतरयामी)
पारब्रह्म, परमेश्वर

(पारब्रह्म, परमेश्वर)
तुम सब के स्वामी
(ॐ जय जगदीश हरे)

तुम करुणा के सागर, तुम पालन कर्ता
(स्वामी तुम पालन कर्ता)
मैं मूरख खल कामी

(मैं मूरख खल कामी)
कृपा करो भर्ता
(ॐ जय जगदीश हरे)

तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति
(स्वामी सबके प्राणपति)
किस विधि मिलूं गोसाईं

(किस विधि मिलूं गोसाईं)
तुमको मैं कुमति
(ॐ जय जगदीश हरे)

दीनबंधु, दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे
(स्वामी तुम ठाकुर मेरे)
अपने हाथ उठाओ

(अपने हाथ उठाओ)
द्वार पड़ा तेरे
(ॐ जय जगदीश हरे)

विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा
(स्वमी पाप हरो देवा)
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ

(श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ)
संतन की सेवा
ॐ जय जगदीश हरे

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट
छिन में दूर करे

ॐ जय जगदीश हरे
(ॐ जय जगदीश हरे)
(जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे)

(भक्त जनों के संकट, भक्त जनों के संकट)
(क्षण में दूर करे)
(ॐ जय जगदीश हरे, ॐ जय जगदीश हरे)