Tu Hai Kahan
Taba Chake
4:03(Hmm-hmm) (Hmm-hmm) ना जाने ये ज़िन्दगी क्यूँ है अधूरी-सी ना जाने क्यूँ सोचूँ, ये मन अकेला ही सुनता हूँ मैं सब, करता हूँ सिर्फ़ अपनी ही धुन फिर भी मेरी क्यूँ है अधूरी-सी? जानी-अनजानी राहों का हो के रह गया सोच-सोच के मन मेरा खो के रह गया पुकारे मन रोज़ नए दोस्त ढूँढूँ ख़ुद को बातों में उनकी पुकारे मुझे ये ज़िन्दगी सँवारे मुझे नई ख़ुशी (Hmm-hmm) (Hmm-hmm) क्या हर सफ़र कटेगा अकेला ही? क्या हर शहर होगा यूँ अजनबी? ख़ुद को मिलूँ, क्यूँ है ये ज़िद मेरी? ख़ुद को समझूँ, क्यूँ है ज़रूरी? बादलों में ढूँढ़ता हूँ ख़ुद का इक निशाँ वादियों में खोजता हूँ इक नया जहाँ जान-ए-मन, मैं हूँ कहाँ बातों में ये बीतें रातें चाहूँ मैं चाँद और सितारे चिन्ता में ये मन कहाँ (Hmm-hmm) (Hmm-hmm) (Hmm-hmm) (Hmm-hmm) (Ooh-ohh-ooh-ooh-ooh-ooh) (Ooh-ohh-ooh-ooh-ooh-ooh) (Ooh-ohh-ooh-ooh-ooh-ooh) (Ooh-ohh-ooh-ooh-ooh-ooh) (Ooh-ohh-ooh-ooh-ooh-ooh)