Musafir Hein Hum
Ustad Ahmed Hussain
9:15जब प्यार नही है तो भुला क्यूँ नही देते जब प्यार नही है तो भुला क्यूँ नही देते खत किसलिए राखे हैं जला क्यूँ नही देते जब प्यार नही है तो भुला क्यूँ नही देते किस वास्ते लिक्खा है हातेली पे मेरा नाम किस वास्ते लिक्खा है हातेली पे मेरा नाम में हरफे घालत हूँ तो मिटा क्यूँ नही देते में हरफे घालत हूँ तो मिटा क्यूँ नही देते खत किसलिए राखे हैं जला क्यूँ नही देते जब प्यार नही है तो भुला क्यूँ नही देते लिल्लाह शाबो रोज़ की उलझन से निकालो लिल्लाह शाबो रोज़ की उलझन से निकालो तुम मेरे नही हो तो बता क्यूँ नही देते तुम मेरे नही हो तो बता क्यूँ नही देते खत किसलिए राखे हैं जला क्यूँ नही देते जब प्यार नही है तो भुला क्यूँ नही देते रह रह के ना तड़पाव आए बेदर्द मसीहा रह रह के ना तड़पाव आए बेदर्द मसीहा हाथों से मुझे ज़हेर पीला क्यूँ नही देते हाथों से मुझे ज़हेर पीला क्यूँ नही देते खत किसलिए राखे हैं जला क्यूँ नही देते जब प्यार नही है तो भुला क्यूँ नही देते जब इसकी वाफाओं पे यकीन तुमको नही है जब इसकी वाफाओं पे यकीन तुमको नही है हसरत को निगाहों से गिरा क्यूँ नही देते हसरत को निगाहों से गिरा क्यूँ नही देते खत किसलिए राखे हैं जला क्यूँ नही देते जब प्यार नही है तो भुला क्यूँ नही देते